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Income Tax Return: पहली बार भरने जा रहे हैं आइटीआर, इन 8 बातों का रखें ध्यान

न्यू रिजीम डिफॉल्ट व्यवस्था है। अगर आपकी कुल सालाना आय स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलाकर 7.5 लाख रुपए तक है तो आंख मूंदकर नई रिजीम चुनें। वहीं सालाना आय इससे अधिक है तो देखें कि किस रिजीम में टैक्स की बचत हो रही है। इसके लिए आप ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर की भी मदद ले सकते हैं।

नई दिल्लीJun 27, 2024 / 11:37 am

Anand Mani Tripathi

Income Tax ITR : वित्त वर्ष 2023-24 यानी असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) फाइल करने की प्रक्रिया चल रही है। रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। हर साल की तरह इस साल भी ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है तो पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं। अगर आप भी पहली बार आईटीआर फाइल कर रहे हैं तो इन 8 बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इससे गलती होने की आशंका काफी घट जाती है।
  1. टैक्सेबल आय की गणना: आइटीआर फाइल करने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी टैक्सेबल इनकम कितनी है और आप किस टैक्स ब्रैकेट में आते हैं। टैक्सेबल इनकम में वेतन के साथ अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई को भी शामिल करें। इससे पता चल सकेगा कि आपके लिए नई या पुरानी, कौन सी टैक्स रिजीम बेहतर है।
  2. सभी टैक्स रिजीम चुनें: पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो नई टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम में से किसी एक के चुनाव से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह लें। न्यू रिजीम डिफॉल्ट व्यवस्था है। अगर आपकी कुल सालाना आय स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलाकर 7.5 लाख रुपए तक है तो आंख मूंदकर नई रिजीम चुनें। वहीं सालाना आय इससे अधिक है तो देखें कि किस रिजीम में टैक्स की बचत हो रही है। इसके लिए आप ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर की भी मदद ले सकते हैं। नई टैक्स रिजीम में टैक्स छूट नहीं है, लेकिन इसमें टैक्स की दरें कम हैं। वहीं पुरानी टैक्स रिजीम में निवेश, होम लोन, इंश्योरेंस आदि पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन इसमें टैक्स की दरें अधिक हैं।
  3. फॉर्म-16: नौकरीपेशा लोगों को उनकी नियोक्ता कंपनियों ने फॉर्म-16 जारी करना शुरू कर दिया है। इस फॉर्म में कर्मचारी की ग्रॉस सैलरी के साथ ही टैक्सेबल इनकम, टीडीएस और टैक्स डिडक्शन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। अगर आपके पास फॉर्म 16 नहीं है तो सैलरी स्लिप की मदद से भी आइटीआर फाइल कर सकते हैं।
  4. फॉर्म 26एएस: पहली बार रिटर्न फाइल करने वाले लोगों के लिए फॉर्म 26एएस की जांच करना भी जरूरी है। इसे आप इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें इनकम के साथ काटे गए टीडीएस के डिटेल्स मौजूद होते हैं। फॉर्म-16 का फॉर्म 26एएस से मिलान करना आवश्यक है। अगर कोई गड़बड़ी है तो अपनी कंपनी को बोलकर फॉर्म 16 की त्रुटियां ठीक कराएं।
  5. एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट: टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक जरूरी दस्तावेज है। इसके जरिए आपको बैंक एफडी या डिपॉजिट से होने वाली कमाई, डिविडेंड, म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन, फॉरेन रेमिटेंस आदि अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई के बारे में जानकारी मिलती है। इसे भी इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
  6. आइटीआर फॉर्म: इनकम टैक्स विभाग कई तरह के आइटीआर फॉर्म जारी करता है। सैलरीड क्लास आईटीआर-1 या आइटीआर-2 का चुनाव कर सकते हैं। जिन सैलरीड लोगों की सैलरी 50 लाख रुपए से कम है वह आईटीआर-1 फॉर्म यानी सहज का चुनाव कर सकते हैं। साथ ही आपके पास केवल एक घर और कृषि से आय 5000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं जिन लोगों की सैलरी 50 लाख रुपए से अधिक है वह आइटीआर-2 फॉर्म का चुनाव कर सकते हैं। यह कमाई बिजनेस या प्रोफेशन इनकम नहीं होनी चाहिए।
  7. डॉक्यूमेंट्स: आइटीआर फाइल करने के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, निवेश के प्रूफ, होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट आदि की जरूरत पड़ती है।
  8. आइटीआर वेरिफिकेशन: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 30 दिनों के भीतर उसे वेरीफाई करना आवश्यक है, तभी टैक्स रिफंड मिलेगा। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन आइटीआर वेरिफिकेशन कर सकते हैं।

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