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ISRO पहली बार शुक्र का स्थलाकृति नक्शा बनाएगा, जानें क्यों पड़ी इसकी जरूरत और क्या मिलेंगे फायदे

ISRO : इसरो ने शुक्र मिशन में 19 पे-लोड भेजने की योजना बनाई है। इन 19 पे-लोड में से 16 पूरी तरह स्वदेशी होंगे। इस बारे में पत्रिका के रिपोर्टर राजीव मिश्रा की विस्तृत रिपोर्ट…

बैंगलोरOct 07, 2024 / 02:34 pm

स्वतंत्र मिश्र

धरती के निकटतम ग्रह शुक्र पर मिशन भेजने की तैयारी कर रहा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 19 विशिष्ट पे-लोड के जरिए शुक्र के वायुमंडल, उसकी सतह और उप सतह का संपूर्ण विश्लेषण करेगा। साथ ही स्थलाकृति का नक्शा भी तैयार होगा। यह भविष्य के मिशनों की दिशा तय करने वाला मिशन साबित होगा। इसरो ने कहा कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और पूर्व सोवियत संघ ने 1960 और 70 के दशक में शुक्र पर शुरुआती मिशन भेजे। उन मिशनों से ग्रह की वायुमंडलीय संरचना, सतह की विशेषताओं और चुंबकीय वातावरण के बारे में प्रारंभिक जानकारी मिली। उसके बाद 1970 और 80 के दशक में भेजे गए पायनियर वीनस और वेगा मिशन ने शुक्र के वायुमंडल के बारे में समझ का विस्तार किया। इसमें शुक्र के वातावरण की संरचना, परिसंचरण और सूर्य के साथ परस्पर प्रतिक्रियाओं के बारे में भी जानकारी मिली।

ISRO के शुक्र मिशन में 19 पे-लोड भेजने की योजना

वीनस एक्सप्रेस और आकाशुकी मिशन ने वायुमंडलीय गतिशीलता, जलवायु और सतह की विशेषताओं का अध्ययन करने पर ध्यान केंद्रित किया। शुक्र के ये मिशन दक्षिणी ध्रुवीय हिस्से या भूमध्य रेखीय बेल्ट के कुछ संकीर्ण इलाकों तक सीमित रहे। हवाओं, तरंगों या रासायनिक प्रचुरता आदि को ध्यान में रखते हुए शुक्र का स्थलाकृति मानचित्र तैयार नहीं हो सका। इसरो ने शुक्र मिशन में 19 पे-लोड भेजने की योजना बनाई है। इससे ग्रह के बारे में समान कवरेज मिलेगा। भविष्य के मिशनों के लिए अनूठा डेटा सेट भी तैयार होगा। इन 19 पे-लोड में से 16 पूरी तरह स्वदेशी होंगे। एक पे-लोड भारत और स्वीडन की साझेदारी में तैयार होगा। एक अन्य भारत और जर्मनी की साझेदारी में विकसित होगा। एक-पे-लोड रूस का होगा।

चमक और तापमान के बारे में मिलेगा ब्योरा

एस बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार फॉर वीनस (VSAR) नाम का पे-लोड शुक्र पर सक्रिय ज्वालामुखी या ज्वालामुखी हॉटस्पॉट का पता लगाएगा। शुक्र के क्रेटर और उससे उत्पन्न इजेक्टा का मानचित्रण करेगा। रेडियोमीटर मोड में शुक्र की चमक और तापमान के बारे में जानकारी देगा। वीनस सरफेस एमिसिविटी एंड एटमॉस्फेरिक मैपर (VSEAM) नाम का पे-लेड शुक्र पर तापीय विविधता और वायुमंडलीय अध्ययनों के आधार पर सक्रिय ज्वालामुखी के हॉटस्पॉट की पहचान करेगा। शुक्र के बादलों और एरोसोल की मैपिंग भी करेगा।

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