ISRO का SpaDeX Mission सफल, ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत, जानिए क्या है स्पाडेक्स मिशन
SpaDeX Docking Successful: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO ) ने स्पाडेक्स उपग्रहों की डॉकिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी करके भारत ने इतिहास रच दिया है। रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने सफलतापूर्वक डॉक करना सीख लिया है।
ISRO Successfully Docks Satellites In Space: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार सुबह अंतरिक्ष में दो भारतीय उपग्रहों को डॉकिंग या मेटिंग (Docking or Mating) करने में सफलता प्राप्त की। स्पाडेक्स (SpaDeX) उपग्रहों की डॉकिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी करके भारत ने इतिहास रच दिया है। भारतीय वैज्ञानिकों ने चौथे प्रयास में बुल्सआई पर निशाना साधा। यह स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट या स्पैडेक्स का हिस्सा है।
ISRO ने दी जानकारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के एक पोस्ट में कहा, “भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है! सुप्रभात भारत, ISRO के स्पैडेक्स मिशन (SpaDeX Mission Successful) ने ऐतिहासिक डॉकिंग सफलता हासिल की है। इस क्षण का गवाह बनकर बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है! भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में सफ़लता प्राप्त करने वाला चौथा देश बन गया। पूरी टीम को बधाई! भारत को बधाई!” बता दें कि आज यानी गुरुवार, 16 दिसंबर को सुबह लगभग 10 बजे ISRO ने डॉकिंग सफ़लता की घोषणा की।
क्या होती है डॉकिंग प्रक्रिया
भारत ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय डॉकिंग प्रणाली का उपयोग किया, डॉकिंग से ठीक पहले उपग्रह 10 मिलीमीटर प्रति सेकंड की गति से एक दूसरे के करीब आ गए। डॉकिंग एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया है और ISRO ने एक पखवाड़े से अधिक समय तक कई परीक्षण करके सावधानीपूर्वक इसका प्रयास किया। जब अंतरिक्ष में कई ऑब्जेक्ट हो और उन्हें एक साथ एक निर्धारित स्थान पर लाना हो, तो डॉकिंग की प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है। डॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों का एक साथ आकर जुड़ना होता है।
ये कामयाबी हासिल करने वाला चौथा देश बना भारत
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने आज सुबह बताया कि दो भारतीय उपग्रह अंतरिक्ष में डॉकिंग के परीक्षण के प्रयास में तीन मीटर तक करीब आ गए थे और अब वे पीछे लौट रहे हैं। ISRO ने पृथ्वी से 475 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रहे दो भारतीय उपग्रहों को डॉक करने में सफलता प्राप्त की। रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने सफलतापूर्वक डॉक करना सीख लिया है। भारत ने 30 दिसंबर, 2024 को PSLV रॉकेट का उपयोग करके SpaDeX मिशन लॉन्च किया। डॉकिंग चंद्रयान-4 (Chandrayaan Four) भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे भविष्य के मिशनों के लिए एक सक्षम तकनीक है।
PSLV C60 से किया गया लॉन्च
ISRO ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पाडेक्स) मिशन पर 12 जनवरी को अपने अंतिम अपडेट में कहा, “15 मीटर और उसके बाद 3 मीटर तक पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया है। अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। डेटा का आगे विश्लेषण करने के बाद डॉकिंग प्रक्रिया की जाएगी।’ स्पैडेक्स मिशन 30 दिसंबर को प्रक्षेपित किया गया था, जिसमें उपग्रहों, SDX(चेज़र) और SDX02 (टारगेट) को PSLV c60 रॉकेट से लॉन्च किया गया और 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित किया गया।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोशल मीडिया X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर ISRO के वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग (Do के सफल प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”
– SpaDeX मिशन में दो सेटेलाइट्स हैं। पहला चेसर और दूसरा टारगेट।
-चेसर सैटेलाइट को टारगेट को पकड़कर डॉकिंग करना था। हर एक सेटेलाइट का वजन करीब 220kg है। -इन सेटेलाइट्स को रॉकेट PSLV-C60 के जरिए लॉन्च किया गया। -ISRO ने 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से रात 10 बजे इस मिशन को लॉन्च किया था।
-इसके तहत PSLV-C60 रॉकेट से दो Spacecraft को पृथ्वी से 470 किमी ऊपर तैनात किए गए थे। यहां देखें चंद्रयान-3 की Launching वीडियो-
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