हिंदुओं और मंदिरों पर आए दिन हो रहे हमलों को रोकने की दिशा में प्रभावशाली कदम नहीं उठाए जाने से न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि भारत में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सहित कई संगठनों ने हमलों को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने का आह्वान किया है। इस्कॉन ने इन हमलों के विरोध में रविवार (एक दिसंबर) को दुनियाभर में ‘प्रार्थना और जप’ करने का निर्णय किया है।
संघ का आग्रह, भारत सरकार करे हरसंभव उपायः
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, ‘इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त करें। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं। संघ इसकी भर्त्सना करता है।’ उन्होंने कहा कि संघ भारत सरकार से भी यह आह्वान करता है कि वह बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को हरसंभव जारी रखे और इसके समर्थन में वैश्विक अभिमत बनाने के लिए यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाएं। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि वर्तमान की बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इसे रोकने की जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई हैं। विवशतावश बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने के लिए अन्याय और अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है। ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है।
विश्व समुदाय दबाव बनाएः विहिप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। विहिप ने कहा, विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में ले और बांग्लादेश के प्रशासन पर हिंदुओं के उत्पीड़न को रोकने का दबाव बनाए। यह भी पढ़ें