कौन हैं कुंदन कृष्णन?
CISF ADG कुंदन कृष्णन 1994 बैच के बिहार कैडर के IPS अधिकारी हैं। वह तीन साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कुंदन कृष्णन बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। बिहार में 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनने से पहले जब राष्ट्रपति शासन लगा था, उस वक्त कुंदन कृष्णन को पटना का SSP बनाया गया था।
माफिया खौफ खाते थे
बिहार में जब माफियाराज था, बाहुबलियों की तूती बोलती थी, उन्हें बड़े-बड़े नेताओं संरक्षण प्राप्त था, उस वक्त भी उनसे भिड़ने में आईपीएस कुंदन कृष्णन देर नहीं लगाते थे। साल 2006 की बात है, उस समय कुंदन बिहार के बाहुबली आनंद मोहन से भिड़ गए थे। बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और मौजूदा सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले आनंद मोहन की देहरादून में पेशी होनी थी। पेशी के बाद आनंद को सहरसा जेल जाना था, जहां पहले से वह बंद थे लेकिन वो सीधे पटना पहुंच गए। पटना रेलवे स्टेशन के पास उन्होंने एक होटल लिया और रूक गए। कुंदन कृष्णन को जैसे ही ये बात पता चली, वह अपनी टीम लेकर आनंद मोहन को गिरफ्तार करने पहुंच गए। बताया जाता है कि कुंदन कृष्णन और आनंद मोहन में काफी तीखी बहस और नोंक झोंक भी हुई। आनंद मोहन का मन इतना बढ़ा हुआ था कि वो पुलिस अधिकारी पर हाथ उठाने वाले थे। लेकिन कुंदन कृष्णन कहां डरने वाले थे। उन्होंने आनंद मोहन को गाड़ी में बिठाया और जेल लेकर चले गए।
AK 47 लेकर कैदियों के पीछे दौड़े
साल 2002 में जब बिहार में राजद की सरकार थी तब छपरा जेल में रहने वाले कैदियों ने जेल पर ही कब्जा कर लिया था। 1990- 2005 तक बिहार में इस तरह की घटनाएं आम थी। उस समय कैदी जेल में मुलाकात के नियमों व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर आक्रोशित थे। इस दौरान कैदियों ने पुलिस पर जमकर फायरिंग भी की। छपरा जेल को 1200 कैदियों ने कब्जा कर रखा था। उस समय यहां बतौर एसपी कुंदन कृष्णन तैनात थे। उनको जैसे ही कब्जे की सूचना मिली वह AK 47 लेकर कैदियों से भिड़ने के लिए निकल पड़े। पुलिस की कार्रवाई में 5 कैदी मारे गए। मुठभेड़ में कृष्णन का हाथ भी फ्रैक्चर हुआ था।