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छोटी बचत योजनाओं में नहीं बढ़ी ब्याज दरें, फिक्स्ड रिटर्न के लिए यहां करें निवेश

Small Savings Schemes : फिक्स्ड रिटर्न के लिए लोग अक्सर बैंक एफडी या छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं। दिसंबर तिमाही के लिए वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है।

Oct 08, 2023 / 11:50 am

Shaitan Prajapat

Small Savings Schemes

Fixed Returns : फिक्स्ड रिटर्न के लिए लोग अक्सर बैंक एफडी या छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं। दिसंबर तिमाही के लिए वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। पीपीएफ की ब्याज दरें को करीब 3 साल से 7.1% पर स्थिर है, वहीं दूसरी तरह अक्टूबर में भी रेपो रेट में इजाफा नहीं होने से बैंक अब एफडी की दरें घटा रहे हैं। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों के लिए वॉलेंटरी प्रोविडंट फंड (वीपीएफ) अन्य बचत योजनाओं यानी पीपीएफ, एनएससी, सेविंग बॉन्ड जैसे निवेश विकल्पों में सबसे बेहतर नजर आ रहा है। वहीं जो लोग नौकरी नहीं करते उनके लिए नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और 5 साल वाला टाइम डिपॉजिट अच्छा विकल्प हो सकता है। बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, जो लोग बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करना चाहते हैं, वे अभी लंबी अवधि यानी 3 से 5 साल वाले एफडी में निवेश करें, क्योंकि अब एफडी की दरें बढ़ने की उम्मीद नहीं है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम बेस्ट है जिसमें 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है।

छोटी बचत योजनाओं का रिटर्न

सीनियर सिटीजन सेविंग 8.2%
ईपीएफ/वीपीएफ 8.15%
पीपीएफ 7.10%
किसान विकास पत्र 7.50%
टाइम डिपॉजिट (5 साल) 7.50%
मंथली इनकम अकाउंट 7.40%
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट 7.70%
सुकन्या समृद्धि योजना 8.0%
टाइम डिपॉजिट (1 साल) 6.9%
टाइम डिपॉजिट (3 साल) 7.0%
टाइम डिपॉजिट (5 साल) 7.5%
रेकरिंग डिपॉजिट (5 साल) 6.7%


नौकरीपेशा के लिए वीपीएफ बेस्ट

अभी वीपीएफ में ईपीएफ के बराबर ही 8.15% रिटर्न मिल रहा है, जबकि छोटी बचत योजनाओं और एफडी में इससे कम ब्याज है। प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वालों के लिए पुरानी टैक्स प्रणाली में ईपीएफ-वीपीएफ में सालाना 2.50 लाख रुपए तक का निवेश और इससे मिलने वाला रिटर्न टैक्सफ्री है।

इसलिए पीपीएफ से बेहतर वीपीएफ

– पीपीएफ में केवल 7.1% सालाना ब्याज मिल रहा, लेकिन वीपीएफ में ब्याज दरें अभी 8.15% है।
– पीपीएफ में टैक्स बचत के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं, जबकि वीपीएफ में यह सीमा 2.5 लाख रुपए तक है।
-पीपीएफ का लॉकइन पीरियड 15 साल है, जबकि वीपीएफ का लॉकइन पीरियड 5 साल है। इसके बाद कभी भी पूरी राशि निकाल सकते हैं।

वीपीएफ के फायदे

-वीपीएफ ट्रिपल ई श्रेणी की निवेश योजना है। यानी इसमें किए गए निवेश, कुल जमा राशि और ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है।
-वीपीएफ एक जोखिम रहित निवेश योजना है, क्योंकि सरकार इसकी गारंटी देती है। इसमें अन्य सभी बचत योजनाओं से ज्यादा ब्याज मिल रहा है।
-वीपीएफ अकाउंट आधार से लिंक होता है। नौकरी बदलने पर वीपीएफ अकाउंट को ट्रांसफर करना भी बहुत आसान है।

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क्या है वीपीएफ

वीपीएफ ईपीएफ का ही एक्सटेंशन है। कर्मचारी को बेसिक सैलरी का 12% योगदान ईपीएफ में देना होता है। इतना ही योगदान नियोक्ता कंपनी की तरफ से भी दिया जाता है। लेकिन अगर आप चाहे तो इस सीमा से अधिक भी योगदान कर सकते हैं। वीपीएफ के जरिए ऐसा मुमकिन होगा।

कब करें निवेश

अगर सालाना ईपीएफ योगदान 2.50 लाख रुपए से कम है तो तुरंत वीपीएफ में निवेश शुरू कर देना चाहिए। साल में दो बार वीपीएफ में जमा की जाने वाली राशि में बदलाव कर सकते हैं। इसलिए वीवीएफ फायदेमंद हैं।

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