नंदन नीलेकणि ने क्या कहा
इस खास मौके पर नंदन नीलेकणि ने कहा कि आईआईटी-बॉम्बे मेरे जीवन की आधारशिला रहा है, जिसने मेरे प्रारंभिक वर्षों को आकार दिया और मेरी यात्रा की नींव रखी। यह दान केवल एक वित्तीय योगदान से बढ़कर है, यह उस जगह के लिए एक श्रद्धांजलि है जिसने मुझे बहुत कुछ दिया है और उन छात्रों के प्रति प्रतिबद्धता है जो कल हमारी दुनिया को आकार देंगे।
IITB के डायरेक्टर के साथ किया गया एमओयू
समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर औपचारिक रूप से आज बेंगलुरू में नंदन नीलेकणि और आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रोफेसर सुभाषिस चौधरी ने हस्ताक्षर किए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि दान विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और आईआईटी बॉम्बे में एक गहन तकनीकी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करने में सहायक होगा।
यह दान आईआईटी बॉम्बे के विकास को देगा काफी गति
आईआईटीबी के निदेशक सुभासिस चौधरी ने खुशी जताते हुए कहा कि यह दान आईआईटी बॉम्बे के विकास को काफी गति देगा और इसे वैश्विक नेतृत्व के पथ पर मजबूती से स्थापित करेगा। आईआईटी बॉम्बे अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्टता के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जो भारत को वैज्ञानिक खोज में अग्रणी बना सकता है और मानव जाति के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने की दिशा में काम कर सकता है।
5 साल तक रहे थे यूआईडीएआई के संस्थापक अध्यक्ष
नंदन नीलेकणि 2009 से 2014 तक कैबिनेट मंत्री के पद पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के संस्थापक अध्यक्ष थे। जनवरी 2023 में उन्हें आर्थिक परिवर्तन, वित्तीय समावेशन और विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर G20 टास्क फोर्स का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया।