खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष के छात्र अमित वैश्यर ने बताया, “एक समूह सोमवार को रवाना हुआ, लेकिन Naveen Shekharappa Gyanagoudar ने सुझाव दिया कि हम थोड़ा इंतेजार कर लेते हैं, ताकि हम अपने जूनियर्स को भी साथ ले जा सकें, क्योंकि वे एक वर्ष से भी कम समय से यूक्रेन में थे। बुधवार की सुबह खार्किव छोड़ने का उनका विचार था। मंगलवार जब वो हमारे लिए खाना लेने गया, तब उसकी मौत हो गई।”
‘एक यूक्रेनी ने बताया कि वो अब नहीं रहा’
अमित वैश्यर ने बताया कि ‘जब भी कर्फ्यू हटता, हम सामान खरीदने जाते थे। मंगलवार को मैं सुबह 3.30 बजे सोने गया और देर से उठा। नवीन सुबह 6 बजे ही खाना लेने के लिए निकल गया वो केवल हमारे बंकर से बाजार 50 मीटर की दूरी पर ही था। करीब 7.58 बजे उसने मैसेज भेजा कि उसके पास पैसे कम पड़ रहे हैं उसे कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा। फिर जब उसके फोन पर 8.10 बजे हमने कॉल किया तो उसने पहले उठाया नहीं इसके बाद एक यूक्रेनी ने कॉल का जवाब दिया और कहा कि वह अब नहीं रहा।’
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को पूर्वी यूक्रेन के खार्किव में गोलाबारी में मारे गए कर्नाटक के छात्र के पिता से बात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। बोम्मई ने यह भी कहा कि यूक्रेन से कन्नड़ लोगों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं और दो अधिकारियों को मुंबई और नई दिल्ली में तैनात किया गया है ताकि यूक्रेन से आने वाले कर्नाटक के छात्रों को बिना किसी परेशानी के उनके घरों तक पहुंचने में मदद मिल सके।
यह भी पढ़े – यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत, खारकीव में रूसी गोलीबारी में गई जान