पीएम पहुंच चुके हैं पेरिस
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 और 14 जुलाई की दो दिवसीय पेरिस पहुंच चुके हैं। यह यात्रा कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस यात्रा के दौरान होने वाले डिफेंस डील के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी तो सामने अभी तक नहीं आयी है, लेकिन मीडिया में तैर रही जानकारी के मुताबिक जो बातें सामने आ रही है उसके अनुसार, भारत और फ्रांस एक रक्षा-औद्योगिक रोड मैप पर हस्ताक्षर करेंगे।
इससे भारत को अपने स्वदेशी रूप से विकसित इंजनों और प्रौद्योगिकियों के माध्यम से विनिर्माण को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। अगर पीएम मोदी के पेरिस दौरे पर यह डील हो जाती है तो भारत के डिफेंस सेक्टर को यह आने वाले दिनों में नई उचाईयों तक ले जायेगा।
राफेल-M खरीद के लिए बुलायी गयी थी बैठक
इस बहुप्रतीक्षित डील को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 जुलाई को भारतीय नौसेना को 26 राफेल-M लड़ाकू विमान खरीदने के लिए जरूरी स्वीकृति (AON) देने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की एक बैठक बुलायी थी। यही नहीं, तीन और अत्याधुनिक श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण को हरी झंडी भी बैठक में दी गई है।
इस श्रेणी की छह पनडुब्बी और INS वाग्शीर के अगले साल चालू होने की उम्मीद जतायी जा रही है, यह पोत वर्तमान में परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। ये 26 राफेल-M और 3 पनडुब्बी जैसे ही भारत के नौसेना में शामिल होगा वैसे हीं इसकी धाक और बढ़ जाएगी।
चीन के मोर्चे पर मिलेगी ताकत
कई मौकों पर देखा गया है की हमारा परोसी और ताकतवर मुल्क चीन हमें बिना कोई मतलब एक उकसाता रहता है, हम पर अपनी रौब जमाना चाहता है इस डील के होने के बाद चीन के मोर्चे पर हमें ताकत मिलेगी। चीन की तरफ से समुद्री सीमाओं पर भी भारत के लिए खतरा पैदा हो रहा है, ऐसे में फ्रांस के साथ होने वाला ये सौदा काफी मददगार साबित हो सकता है।
भारत और फ्रांस रक्षा सौदों के लिए पीएम मोदी के यात्रा के दौरान एक रोडमैप तैयार कर सकते हैं। भारत की कोशिश रहेगी कि वो फ्रांस की कंपनियों की मदद से भारत में ही इंजन और बाकी पुर्जों को बनाए। इस डील में खासतौर पर भारतीय नौसेना के लिए कई तरह के अत्याधुनिक हथियार खरीदे जाएंगे।