एक तरफ अमेरीका, भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैण्ड जैसे देशों ने जहां इजरायल का साथ दिया है। दूसरी तरफ, सउदी अरब, ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों ने हमास का साथ दिया है। वहीं, अब इस मुद्दे पर भारत के मुस्लिम नेताओं ने अपनी आवाज उठाई है और दोनों देशों को शांती से काम लेने की सलाह दिया है। आइए जानते है भारत के किस मुस्लिम नेता ने क्या कहा?
शांति बने रहे- ओवैसी
इजराइल पर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के किए गए रॉकेट हमले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि शांति बने रहे। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिय एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ”प्रार्थना है कि फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति बनी रहे।
संयुक्त राष्ट्र इस युद्ध को फौरन रोके- दानिश अली
वहीं, इस मुद्दे पर अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली ने एक्स पर लिखा, “इजराइल और गाजा में हमलों और जवाबी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। संयुक्त राष्ट्र इस युद्ध को फौरन रोके, स्थाई शांति के लिये फिलिस्तीनी भूमि से सभी अवैध इजराइली बस्तियों को हटाये और फिलिस्तीनियों के जायज अधिकारों को सुनिश्चित करे।”
जंग किसी समस्या का समाधान नहीं- फारूक अब्दुल्लाह
शनिवार से शुरू हुए इस युद्ध पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह कहा, “जंग किसी भी हालत में हो, बुरी होती हैं, उस में लोगों का नुकसान होता हैं, कितने मर गए हैं ? कितने इजराइली बेगुनाह मर गए हैं? कितने फलस्तीनी बेगुनाह मर गए? जंग किसी समस्या का समाधान नहीं है।” उन्होंने कहा कि अफसोस यह हैं कि संयुक्त राष्ट्र फेल हो गया है। फिलिस्तीन का मामला सालों पुराना है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है और अब बेगुनाह लोग मारे जा रहे हैं। लोगों की जान जा रही हैं।
फ़िलिस्तीन का समाधान करें ताकि शांति बनी रहे- महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती एक्स पर लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इजराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के प्रति दुनिया को जागरूक होने के लिए ऐसी मौत और विनाश की जरूरत पड़ती है। साल-दर-साल गगनभेदी चुप्पी कायम रखी जाती है, क्योंकि निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या कर दी जाती है और उनके घरों को नष्ट कर दिया जाता है।” आज सिर्फ इसलिए कि दूसरे पैर का जूता चुभ रहा है तथाकथित लोकतंत्रों में आक्रोश है। कम से कम यह चयनात्मक आक्रोश आपराधिक है। फ़िलिस्तीन का समाधान करें ताकि शांति बनी रहे।
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