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चीन की सीमा से सैनिक नहीं हटाएगा भारत, जानिए भारतीय सेना प्रमुख के संबोधन की पांच बड़ी बातें

घाटी में कुल 71 आतंकी पिछले साल मारे गए, जबकि इस दौरान 27 जवान शहीद हुए। इनमें 20 जवान पुंछ राजौरी में शहीद हुए।

Jan 12, 2024 / 08:17 am

Anand Mani Tripathi

जम्मू कश्मीर में पुंछ और राजौरी जिलों में बढ़ी आतंकी घटनाएं चिंता का विषय हैं। इस इलाके में सक्रिय आतंकी सीमापार से आकर आतंक बढ़ा रहे हैं। हालांकि घाटी में हालात सामान्य हैं और वहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। यह बात भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सेवा दिवस से पूर्व वार्षिक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि राजौरी और पुंछ में 2001 से 2018 तक शांति का दौर रहा लेकिन कुछ महीनों से अचानक आतंकी घटनाएं बढ़ने लगीं। इसकी मुख्य वजह खुफिया सूचनाओं की कमी और सेना का जनता के बीच विश्वास की कमी होना भी है। इसके लिए सेना कई स्तरों पर कार्य कर रही है। पिछले साल घाटी में कुल 71 आतंकी पिछले साल मारे गए, जबकि इस दौरान 27 जवान शहीद हुए। इनमें 20 जवान पुंछ राजौरी में शहीद हुए।

एलएसी पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील
सेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी पर हालात अभी स्थिर लेकिन संवेदनशील हैं। एलएसी पर 2020 मई से पहले की स्थिति बहाली के लिए कई स्तरों पर चीन से बातचीत चल रही है। एलएसी पर करीब 50 हजार जवानों की तैनाती की गई है। यहां 355 चौकियों पर 4-जी संचार, बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हैलीपैड और भूमिगत भंडारण सुविधा का विस्तार हुआ है।


अग्निपथ योजना पर सकारात्मक रुख
अग्निपथ योजना को लेकर सेना से अच्छा फीडबैक मिला। पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की किताब पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। सेना में 120 महिला अधिकारियों को कर्नल स्तर के पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा मिशनों में 22% भागीदारी महिला अधिकारियों की है। उन्होंने कहा, एलओसी हो या एलएसी, सेना हर चुनौती से निपटने को तैयार है।


सेना प्रमुख की पांच प्रमुख बातें…

पाकिस्तान आतंकियों कर रहा परोक्ष मदद
पुंछ और राजौरी में स्थानीय आतंकियों की तुलना में सीमापार से आए आतंकी ज्यादा सक्रिय है। यहां लगातार घुसपैठ की कोशिशों को सेना नाकाम कर रही है। पाकिस्तान आतंकियों को परोक्ष रूप से लगातार सहयोग कर रहा है।

थियेटर कमान के लिए पहल
थियेटर कमांड को लेकर उन्होंने कहा कि सेना इस बारे में अन्य सेनाओं के साथ मिलकर कार्य कर रही है। प्रशिक्षण और प्रशासन समेत कई क्षेत्रों में पहल की गई हैं।

चीन सीमा पर जवान कम नहीं करेंगे
चीन सीमा को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है कि यथास्थिति बहाली के बाद ही जवानों की संख्या में कमी जैसे अन्य मुद्दों पर बातचीत की जाएगी। गौरतलब है कि गलवार घटनाक्रम के बाद दोनों देशों में लगातार तनाव जारी है।

भूटान-चीन के बीच सीमा वार्ता पर हमारी नजर
भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए जारी बातचीत को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि भारत की सुरक्षा से जुड़े हर घटनाक्रम पर हमारी नजर है। भूटान से हमारे संबंध मजबूत है। भारत की घटनाक्रम पर नजर है।

म्यांमार से घुसपैठ को लेकर चौकस
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा की स्थिति चिंताजनक है। म्यांमार के कुछ सैनिकों और नागरिकों ने देश में घुसने की कोशिश भी की, लेकिन भारतीय सुरक्षाबल इस पर पैनी नजर रखे हैं।

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