भारत की विरासत से सीखे दुनिया
उन्होंने संदेश में भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर देते हुए कहा कि स्वतंत्रता को कभी तटस्थता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। वैश्वीकरण के युग में प्रौद्योगिकी और परंपरा को एक साथ चलना होगा। इस दौर में भारत अवश्य प्रगति करेगा, लेकिन उसे अपनी भारतीयता खोए बिना ऐसा करना होगा, तभी हम बहुधु्रवीय विश्व में वास्तव में अग्रणी शक्ति के रूप में उभर पाएंगे। उन्होंने तनावपूर्ण जीवनशैली और बार-बार होने वाली जलवायु घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की विरासत से दुनिया बहुत कुछ सीख सकती है।
युवा विरासत के मूल्य को समझें
जयशंकर ने कहा कि भारत को अपनी सांस्कृतिक ताकत का इस्तेमाल वैश्विक प्रभाव हासिल करने के लिए करना चाहिए। युवा पीढ़ी को अपनी विरासत के मूल्य को समझना चाहिए। देश ने गरीबी और भेदभाव को दूर करने में तेजी से काम किया है। इस पर लगातार आगे बढऩे की जरूरत है।