इनका निर्माण HAL के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा। निर्माण के साथ चरणबद्ध तरीके से सुखोई को अपग्रेड किया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना ने अपनी स्क्वाड्रन ताकत बढ़ाने की दिशा में 12 उन्नत सुखोई-30 लड़ाकू जेट खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को एक निविदा जारी की है। जिसका निर्माण रूसी मूल उपकरण निर्माताओं की साझेदारी में भारत में किया जाएगा। इससे अपग्रेडशन से वायु सेना को बड़ी ताकत मिलेगी और विदेशी मूल के उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता भी काफी कम हो जाएगी।
सुखोई की बढ़ाई जाएगी मारक क्षमता
सुखोई की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें ऐसा राडार, नये इंजन, आईआरएसटी सेंसर, अगली पीढ़ी के आरडब्ल्यूआर, एडवांस जैमर, वैमानिकी, नए ईडब्ल्यू सूट, डीएफसीसी, भारतीय मिसाइलें और बम लगाए जाने हैं। एचएएल में अपग्रेड होने के बाद सुखोई-30 रूसी जेट नहीं रहेगा, बल्कि 78 फीसदी स्वदेशीकरण होने के बाद भारतीय जेट में बदल जायेगा। गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना के पास रूस में निर्मित सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायु सेना के सबसे शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लड़ाकू बेड़े में से एक है।