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यहां मारा गया भारत का एक और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी, मुंबई हमले के आतंकियों को दी थी ट्रेनिंग

Hafiz Abdul Salam Bhuttawi killed in Pakistan: लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्य और हाफिज सईद के डिप्टी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत हो गई।

Jan 12, 2024 / 09:36 am

Prashant Tiwari

 

आज-कल पाकिस्तान में छिप कर रह रहें भारत के दुश्मनों और भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों का अच्छे दिन नहीं चल रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्य और हाफिज सईद के डिप्टी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत हो गई। भुट्टावी पर मुंबई में हुए 26/11 के हमलावरों को ट्रेनिंग देने का आरोप है। बता दें कि भुट्टावी भारत के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की तरफ से घोषित आतंकी था और उसके मौत की पुष्टी भी संयुक्त राष्ट्र संघ सिक्योरीटी काउंसिल की तरफ से की गई है।

 

हाफिज सईद का डिप्टी था भुट्टावी

संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्यों में से एक और हाफिज सईद के डिप्टी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की 29 मई 2023 को पाकिस्तान पुलिस की हिरासत में पंजाब प्रांत के मुरीदके में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। भुट्टावी ने ही 26/11 के मुंबई हमलों के लिए आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने में मदद की थी। 77 वर्षीय भुट्टवी को आतंकी वित्तपोषण मामले में अक्टूबर 2019 से लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर जिला जेल शेखूपुरा में कैद किया गया था।

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2012 में घोषित किया गया आतंकी

बता दें कि भुट्टावी को 2012 में पहली बार यूएनएससी की वांटेड लिस्ट में अल-कायदा से जुड़े होने के कारण सूचीबद्ध किया गया था, क्योंकि वह अल-कायदा के वित्तपोषण, योजना, सुविधा, ट्रेनिंग, गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल था। यूएनएससी के मुताबिक, जब हाफिज सईद को हिरासत में लिया गया था, तब भुट्टावी ने कम से कम दो मौकों पर लश्कर या जमात-उद-दावा (जेयूडी) के कार्यवाहक के रूप में काम किया था।

सईद के जेल जाने के बाद संभाला था लश्कर-ए-तैयबा का कमान

बता दें कि नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के कुछ दिनों बाद आतंकी हाफिज सईद को कुछ दिनों के लिए हिरासत में लिया गया और जून 2009 तक हिरासत में रखा गया। सईद ने जेल जाने से पहले भुट्टावी को अपने सारे अधिकार दिए। इस अवधि के दौरान संगठन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को संभाला और संगठन की ओर से फैसले लिए। 2002 में पाकिस्तान के लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का संगठनात्मक आधार स्थापित करने का प्रभारी भुट्टावी ही था।

 

सीने में तेज दर्द और खेल खत्म

बता दें कि UN से आतंकी घोषित होने के बाद 77 वर्षीय भुट्टवी को अक्टूबर 2019 से लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर जिला जेल शेखूपुरा में कैद किया गया था। जेयूडी के एक अधिकारी ने बताया कि 29 मई को उसके सीने में तेज दर्द हुआ और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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