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चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत बना रहा 6 थिएटर कमांड, पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए जयपुर में बनेगा प्रमुख सामरिक केंद्र

रक्षा मंत्रालय भविषय की तैयारी कर रहा है। इसके तहत तीनों सेनाओं ने थिएटराइजेशन की ओर तेजी से बढ़े कदम हैं। अब जयपुर में पश्चिम और लखनऊ में उत्तरी थिएटर कमान मुख्यालय बनाने की तैयारी है। पढ़िए रक्षा संवाददाता सुरेश व्यास की रिपोर्ट…

नई दिल्लीJul 05, 2024 / 07:19 am

Anand Mani Tripathi

राजस्थान की राजधानी आने वाले दिनों में पड़ोसी पाकिस्तान को किसी भी नाजायज हरकत पर थर्राने वाला देश का प्रमुख सामरिक केंद्र बनने वाला है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं के एकीकरण (थिएटराइजेशन) की ओर एक बड़ा कदम उठाते हुए जयपुर में पश्चिमी थिएटर कमान का मुख्यालय बनाना तय किया है। अभी जयपुर में राजस्थान और गुजरात से सटी सीमाओं की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली थल सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान का मुख्यालय है। थिएटर कमान मुख्यालय बनने के साथ ही जयपुर की एक अहम सामरिक केंद्र के रूप में पहचान स्थापित हो सकेगी।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की अगुवाई वाले रक्षा मामलात विभाग ने इसके अलावा लखनऊ में चीन की चुनौतियों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए उत्तरी थिएटर कमान और केरल के तिरूवनन्तपुरम में समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए मरीन कमान का मुख्यालय बनाने के प्रस्ताव किया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि थिएटर कमान गठन की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इसके तुरंत बाद ही तीन कमानों के मुख्यालय तय होने की खबर आ गई।
अभी युद्ध या किसी अप्रिय स्थिति में तीनों सेनाएं अलग अलग मुख्यालय के तहत काम करती है, जबकि तीनों के आपसी समन्वय से संसाधनों का बेहतर उपयोग कर दुश्मन को कम समय में बिना किसी रुकावट वाले एकीकृत कमान के जरिए सटीक जवाब दिया जा सकता है। थिएटर कमान का उद्देश्य थल, जल और वायु सेना की इकाइयों को एक कमांडर के अधीन लाना है, ताकि जरूरत पड़ने पर पूर्ण समन्वय के साथ दुश्मन से निपटा जा सके।
सियाचीन से गुजरात सीमा तक का जिम्मा

प्रतिरक्षा सूत्रों के अनुसार थिएटर कमानों का गठन भौगोलिक क्षेत्रों के अनुरूप किया जा रहा है, ताकि समान भूगोल वाले युद्ध क्षेत्र को आसानी से संभाला जा सके। जयपुर में प्रस्तावित पश्चिम थिएटर कमान सियाचीन ग्लेशियर के सल्तोरो रिज पर इंदिरा कोल से गुजरात, राजस्थान और पंजाब में पाकिस्तान से सटी सीमा पर सैन्य अभियानों का जिम्मा संभालेगी। उत्तरी कमान लद्दाख के जिम्मे काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश में अंतिम चौकी किबिथु तक चीन से सटी 3,425 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा की सैन्य जिम्मेदारी होगी।
छह थिएटर कमांड बनेगी

अभी तीनों सेनाओं की कुल 17 कमांड हैं। योजना के तहत 2001 में बनी पहली त्रिसेवा अंडमान-निकोबार-कमान और 2003 में बनी स्ट्रेटैजिक फोर्सेज कमान सहित छह थिएटर कमांड स्थापित की जानी है। पश्चिमी व उत्तरी कमान के साथ वायु रक्षा व मरीन कमान बन जाने से थलसेना, वायुसेना और नौसेना की लगभग 15 लाख नफरी व संसाधनों को एक ही कमान के अधीन लाया जा सकेगा।
नई सरकार से पहले ही तैयारी

थिएटर कमान गठन की तैयारी केंद्र में नई सरकार गठन के पहले ही शुरू कर दी गई थी। अप्रेल व मई महीनों में वरिष्ठ अधिकारियों की परिवर्तन चिंतन बैठक में थिएटर कमान के ढांचागत विकास पर मंथन हुआ तो गत 18 जून को तीनों सेनाओं के लिए संयुक्त साइबरस्पेस युद्ध सिद्धांत जारी किए गए। इससे पहले गत 6 अगस्त को अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक-2023 पारित कर तीनों सेनाओं के कमांडरों को अपने अधिनस्थ किसी भी सैन्य कर्मी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया। फिर तीनों सेनाओं के कर्मचारियों की क्रॉस पोस्टिंग को हरी झंडी दी गई।
ये है स्थिति…

17 कमान है अभी तीनों सेनाओं की
7-7 कमान थल सेना व एयरफोर्स की
3 कमान नौसेना की
2001 में बनी पहली त्रिसेवा अंडमान-निकोबार कमान
2003 में बनी स्ट्रेटैजिक फोर्सेज कमान

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