उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने तैयार की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार
उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। भारत में पॉड टैक्सी का यह पहला प्रयोग होगा। इसकी सफलता देश के बाकी शहरों के लिए भी उदाहरण का काम करेगी।
उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। भारत में पॉड टैक्सी का यह पहला प्रयोग होगा। इसकी सफलता देश के बाकी शहरों के लिए भी उदाहरण का काम करेगी।
हरिद्वार पॉड टैक्सी रूट के प्रमुख स्टेशन
पॉड टैक्सी के इस रूट पर जो प्रमुख स्टेशन होंगे, उनमें सीतापुर, ज्वालापुर, आर्य नगर, रामनगर, रेलवे स्टेशन, हरकी पैड़ी, खड़खड़ी, मोतीचूर, शांतिकुंज, भारत माता मंदिर, गणेशपुरा मंदिर, जगजीतपुर और लक्सर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि डेढ़ साल के अंदर यह प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण की ज्यादा जरूरत नहीं होगी।
पॉड टैक्सी के इस रूट पर जो प्रमुख स्टेशन होंगे, उनमें सीतापुर, ज्वालापुर, आर्य नगर, रामनगर, रेलवे स्टेशन, हरकी पैड़ी, खड़खड़ी, मोतीचूर, शांतिकुंज, भारत माता मंदिर, गणेशपुरा मंदिर, जगजीतपुर और लक्सर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि डेढ़ साल के अंदर यह प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण की ज्यादा जरूरत नहीं होगी।
पॉड टैक्सी क्या है what is pod taxi
पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट (पीआरटी) या पॉड कार या पोड टैक्सी एक ही तकनीकी कार के नाम है। पॉड कार को सौर ऊर्जा की मदद से चलाया जाता है। इसको पूरी तरह से स्वचालित बनाया गया है, इसके जरिए 3 से लेकर 6 तक यात्रियों को एक बार में ले जाया जा सकता है। दुनिया में पहली पॉड कार वेस्ट वर्जिनिया यूनिवर्सिटी में सन 1970 में चलाई गई थी।
पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट (पीआरटी) या पॉड कार या पोड टैक्सी एक ही तकनीकी कार के नाम है। पॉड कार को सौर ऊर्जा की मदद से चलाया जाता है। इसको पूरी तरह से स्वचालित बनाया गया है, इसके जरिए 3 से लेकर 6 तक यात्रियों को एक बार में ले जाया जा सकता है। दुनिया में पहली पॉड कार वेस्ट वर्जिनिया यूनिवर्सिटी में सन 1970 में चलाई गई थी।
दिल्ली-हरियाणा सीमा से राजीव चौक चलेगी पॉड टैक्सी
भारत में पॉड टैक्सी चलाने के लिए योजना बन गई है। इस योजना के लिए सरकार करीब 4000 करोड़ रुपए का बजट रख रही है। पॉड टैक्सी एक हवा में उड़ने जैसी कार है। वैसे तो पॉड टैक्सी चलाने के लिए दिल्ली-हरियाणा की सीमा से राजीव चौक तक करीब 12.13 किमी चलाने की घोषणा की गई है, पर अभी इसने मूर्त रूप नहीं लिया है।
भारत में पॉड टैक्सी चलाने के लिए योजना बन गई है। इस योजना के लिए सरकार करीब 4000 करोड़ रुपए का बजट रख रही है। पॉड टैक्सी एक हवा में उड़ने जैसी कार है। वैसे तो पॉड टैक्सी चलाने के लिए दिल्ली-हरियाणा की सीमा से राजीव चौक तक करीब 12.13 किमी चलाने की घोषणा की गई है, पर अभी इसने मूर्त रूप नहीं लिया है।
यह भी पढ़े – पीएम किसान सम्मान निधि पर नया अपडेट, इस डेट को आ सकती 2000 रुपए की 13वीं किस्त यूपी में भी पॉड टैक्सी चलाने की योजना
यूपी में भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यमुना अथॉरिटी के सेक्टर 20-21 तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई है। नई डीपीआर तैयार हो गई है। इस परियोजना पर करीब 810 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पॉड टैक्सी परियोजना को जनवरी 2024 तक अमलीजामा पहनाने का टारगेट रखा गया है।
यूपी में भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यमुना अथॉरिटी के सेक्टर 20-21 तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई है। नई डीपीआर तैयार हो गई है। इस परियोजना पर करीब 810 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पॉड टैक्सी परियोजना को जनवरी 2024 तक अमलीजामा पहनाने का टारगेट रखा गया है।