कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर लिखा, ‘हमने निराधार और काल्पनिक मीडिया रिपोर्ट्स को देखा जिसमें ये दावा किया गया है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारत श्रीलंका के राजनीतिक नेताओं को प्रभावित कर रहा है। हम इन आरोपों को खारिज करते हैं।’
अगले ट्वीट में भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘ये मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी हैं। ये केवल एक कोरी कल्पना है। भारत लोकतांत्रिक मूल्यों, स्थापित संस्थानों के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं का समर्थन करता है।
अगले ट्वीट में भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘ये मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी हैं। ये केवल एक कोरी कल्पना है। भारत लोकतांत्रिक मूल्यों, स्थापित संस्थानों के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं का समर्थन करता है।
अगले ट्वीट में भारतीय उच्चायोग ने कहा, ‘भारत अन्य देशों के संवैधानिक प्रावधान और उसके आंतरिक मामलों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करता है और न ही करेगा।’
बता दें कि इससे पहले कोलंबो में भारतीय उच्चायोग को उन रिपोर्टों का खंडन करना पड़ा था जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की देश छोड़ने में मदद की थी।
बता दें कि इससे पहले कोलंबो में भारतीय उच्चायोग को उन रिपोर्टों का खंडन करना पड़ा था जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की देश छोड़ने में मदद की थी।
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