PM मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत से निकला समाधान
भारत और चीन के बीच हुए इस अहम समझौते के बाद 2 अक्टूबर को दोनों देशों ने देपसांग और डेमचौक में टकराव वाले दो बिंदुओं पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की थी। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत के बाद से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर डिसइंगेजमेंट (सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया) शुरु हो गई थी। डेमचौक और देपसांग में इस डिसइंगेजमेंट पर भारतीय सेना के अधिकारी नजर रख रहे हैं। वहीं डेमचौक में दोनों ही तरफ से अभी तक कई टेंट भी हटाए जा चुके हैं। हालांकि ये प्रक्रिया अब पूरी कर ली गई है।
साढ़े चार साल से चल रहा था टकराव
गौरतलब है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच करीब साढ़े चार साल से यहां पर टकराव की स्थिति बनी हुई थी जो कि मंगलवार को खत्म हो गई। इसके साथ ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 29 अक्टूबर को दोनों स्थानों से सेनाओं को पीछे करने और वहां मौजूद अस्थायी निर्माण, शिविर आदि को हटाने का काम खत्म हो गया।
7 जगहों पर बनी रहती है टकराव की स्थिति
पूर्वी लद्दाख में 7 ऐसी जगह है जहां पर चीन के साथ टकराव की स्थिति रहती है। ये हैं पेट्रोलिंग पॉइंट 14 यानी गलवान, 15 यानी हॉट स्प्रिंग, 17A यानी गोगरा, पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण छोर, डेपसांग प्लेन और डेमचॉक में चारदिंग नाला हैं, जहां तनाव रहता है।