डेपसांग व डेमचॉक पर ही सहमति
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचॉक पॉइंट को लेकर समझौता हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं ने यहां अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाने शुरू कर दिए हैं। बख्तरबंद गाड़ियां और सैन्य उपकरण भी पीछे किए जा रहे हैं। इन दोनों पॉइंट पर अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाल होगी। सेनाओं के हटने के बाद पेट्रोलिंग शरू होगी। इन दोनों पॉइंट के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों स्थिति यथावत रहेगी। यह पढ़ें- Indian Railways: कब और कितनी बार धोए जाते हैं ट्रेन में मिलने वाली चादर-कंबल, RTI ने दिया चौंकाने वाला जवाब
क्या है सीमा विवाद?
-पूर्वी लद्दाख में सात ऐसे पॉइंट हैं, जहां चीन के साथ टकराव की स्थिति रहती है। ये हैं पेट्रोलिंग पॉइंट 14 यानी गलवान, 15 यानी हॉट स्प्रिंग, 17ए यानी गोगरा, पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण छोर, डेपसांग प्लेन और डेमचॉक में चारदिंग नाला हैं, जहां तनाव रहता है। -अप्रैल 2020 में चीन ने एक सैन्य अभ्यास के बाद पूर्वी लद्दाख के छह इलाकों में अतिक्रमण किया था। 2022 तक चार इलाकों से चीन की सेना पीछे हट गई। दौलत बेग ओल्डी और डेमचॉक पर भारतीय सेना को पेट्रोलिंग नहीं करने दी जा रही थी।
-अप्रेल 2020 से पहले सैन्य अभ्यास के नाम पर चीनी सेना हजारों की तादाद में सीमा पर जमा हो गई। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने भी तैनाती की गई। जून 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के साथ खूनी झड़प हुई।
-फिर कई दौर की बातचीत के बाद सितंबर 2022 में गोगरा और हॉट स्प्रिंग पर सेना लौटाने की सहमति बन चुकी थी, जिसके तहत चीन की सेना वहां से पीछे हट गई थी। फिर दो अहम पॉइंट डेपसांग, डेमचॉक बचे रह गए थे। इनपर 21 अक्टूबर को डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनी है।
-दो साल पहले पैंगोग एरिया यानी फिंगर एरिया और गलवान के पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी)-14 से सेनाएं हट गई थीं। फिर गोगरा में पीपी-17 से सैनिक हटे और फिर हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से। यहां अभी बफर जोन बने हैं। यहां फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर बातचीत चल रही है।