इतनी शिकायतें मिलीं
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2024 के बीच बैंकों के कामकाज और उनकी सेवाओं को लेकर ग्राहकों की 74,584 शिकायतें मिली हैं। जबकि इससे पिछली तिमाही में 72,847 शिकायतें आई थीं। यानी इस साल करीब 2,000 अधिक शिकायतें आईं। इस साल की मार्च तिमाही में क्रेडिट कार्ड को लेकर 10,145 शिकायतें मिली जबकि दिसंबर तिमाही, 2024 में 9635 शिकायतें मिली थीं। ग्राहक क्रेडिट कार्ड में ब्याज दर बढ़ाने या अधिक जुर्माना लगाने को लेकर ज्यादा परेशान हैं।
ये शिकायतें भी बढ़ीं
बैंक गांरटी पत्र समय पर जारी न करने, ग्राहकों से जुड़ी गोपनीयता को भंग करने, पेंशन, मृत्यु के बाद नॉमिनी के खाते में पैसा ट्रांसफर न करने और बैंक कर्मचारियों से जुड़ी शिकायतें भी बढ़ी हैं। 2024 की मार्च तिमाही में इससे जुड़ी 26,231 शिकायतें मिलीं, जिनकी संख्या दिसंबर तिमाही में 18,180 थीं। इन्हें अन्य श्रेणी में डाला गया है।
सहकारी बैंकों में ज्यादा अनदेखी
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारी बैंक (कॉपरेटिव बैंक) सबसे अधिक नियम तोड़ रहे हैं और ग्राहकों की अनदेखी कर रहे हैं। यही वजह है कि आरबीआई की और से लगाए गए जुर्माने में सबसे अधिक हिस्सेदारी कॉपरेटिव बैंकों की है। जिन 161 मामलों में कार्रवाई की गई है उनमें 132 कॉपरेटिव बैंकों से संबंधित हैं। वे ग्राहकों को उचित बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा प्रदान नहीं कर रहे हैं। आरबीआइ ने दर्जनों कॉपरेटिव बैंक के लाइसेंस कैंसिल किए हैं।