प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत के समुद्री क्षेत्र ने नयी ऊंचाइयां हासिल की हैं और व्यापार तथा वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में योगदान दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, “आज राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर हम अपने गौरवमयी समुद्री इतिहास को याद करते हैं और भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में समुद्री क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “पिछले आठ वर्षों में हमारे समुद्री क्षेत्र ने नयी ऊंचाइयां हासिल की हैं और व्यापार तथा वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में योगदान दिया है। पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, पिछले आठ वर्षों में भारत सरकार ने बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें बंदरगाह क्षमता का विस्तार और मौजूदा प्रणालियों को और भी अधिक कुशल बनाना शामिल है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय उत्पादों को नए बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जलमार्गों का उपयोग किया जा रहा है। इस समय हम आर्थिक प्रगति के लिए समुद्री क्षेत्र का लाभ उठा रहे हैं और एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर रहे हैं। हम समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और विविधता को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त देखभाल भी कर रहे हैं, जिस पर भारत को गर्व है।”
आपको बता दें, हर साल राष्ट्रीय समुद्री दिवस की एक थीम होती है। इसका मकसद दुनिया भर के महाद्वीपों के बीच सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल वाणिज्य का समर्थन करना है। 5 अप्रैल 1919 को मुंबई से लंदन की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय फ्लैग मर्चेंट पोत ‘एस. एस. लॉयल्टी’ की पहली यात्रा की स्मृति में समुद्री दिवस शुरू किया गया था।
नई दिल्ली में राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर समुद्री जागरूकता वॉकथॉन का आयोजन किया गया। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री एस सोनोनाल ने इस दौरान आयोजन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि हमारे शिपिंग उद्योगों ने कोविड जैसी कठिन परिस्थिति में सेवा देने में सफलता हांसिल की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कार्बन उत्सर्जन को 2070 तक शून्य करने का लक्ष्य रखा है, उसके लिए हमारा मंत्रालय काम कर रहा है।