तेज गति से चल सकती हैं हवाएं
IMD ने चक्रवात असना को लेकर ने मछुआरों को समंदर में ना उतरने की सलाह दी है। तूफान की वजह से गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर अगले 48 घंटों तक 65 किमी प्रतिघंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने बताया कि 1891 से 2023 तक अगस्त में अरब सागर (Arabian Sea) पर सिर्फ तीन ही चक्रवाती तूफान बने हैं। बता दें कि 2024 में जून से अगस्त माह तक कच्छ और सौराष्ट्र में 700mm से ज्यादा बारिश हुई है। जबकि सामान्य तौर पर इन इलाकों में महज 430mm बारिश होती है।दिशानिर्देश जारी
चक्रवात असना को लेकर कई जिलों में अधिकारियों ने झोपड़ियों और अस्थायी घरों में रह रहे लोगों को स्कूलों, मंदिरों या अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद, कच्छ के डीएम अमित अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रह रहे लोगों से अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर एहतियातन किसी स्कूल या मजबूत इमारतों में शरण लेने के लिए कहा। कच्छ के डीएम अमित अरोड़ा ने स्थानीय लोगों से, शुक्रवार शाम तक के लिए ऐसे गरीब वर्ग के लोगों को अपने घरों में शरण देने के लिए आगे आने की अपील की है। IMD ने अपडेट में कहा, “कच्छ और आसपास के इलाकों में बने गहरे दबाव के, अगले 12 घंटे के दौरान उत्तर-पूर्व अरब सागर में पश्चिम की ओर बढ़ने और एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। इसके बाद यह अगले दो दिनों के दौरान भारतीय तट से दूर पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।”