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Gaumutra Row: IIT-मद्रास के निदेशक ने ‘गोमूत्र’ की सराहना की, कहा- ‘औषधि मूल्यों से भरपूर’, हो रही जमकर आलोचना

IIT-Madras के निदेशक वी कामकोटि ने एक कार्यक्रम के दौरान गोमूत्र (Gaumutra) की औषधीय लाभों से भरपूर होने की बात कही। इसके बाद से गोमूत्र को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई है।

चेन्नईJan 20, 2025 / 01:18 pm

स्वतंत्र मिश्र

V Kamakoti, IIT Madras, Director Left)

Gaumutra Row: IIT-मद्रास के निदेशक वी कामकोटि (V Kamakoti, Director, IIT-Madras ) का एक वीडियो वायरल हो रहा है। उस वीडियो में कामकोटी गौमूत्र के औषधीय लाभों का गुणगान (Gaumutra Medicinal Values) कर रहे हैं। इस बयान की आलोचना हो रही है और यह कहा जा रहा है कि वह विज्ञान के बारे झूठा प्रचार कर रहे हैं। वी कामकोटि ने 15 जनवरी 2025 पर मातु पोंगल के अवसर पर एक गौशाला में आयोजित कार्यक्रम में गोमूत्र की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और पाचन शक्ति को बढ़ाने वाले गुण हैं। गोमूत्र पेट संबंधी बीमारियों या दिक्कतों से पैदा होने वाले चिड़चिड़ेपन को ठीक करने के काम आ सकता है।

मातु पोंगल (Maatu Pongal) तमिलनाडु में पशुओं से जुड़ा हुआ एक त्योहार है। इस वीडियो में कामकोटि ने एक संन्यासी से जुड़ा किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि संन्यासी को बहुत तेज बुखार था और गोमूत्र के सेवन के 15 मिनट के अंदर ही उनका बुखार उतर गया। कांग्रेस के सांसद कार्ति पी. चिदंबरम (Karti P Chidambaram) ने अपने एक्स हैंडल पर आईआईटी निदेशक कामकोटि का वीडियो शेयर किया है।

IIT मद्रास के निदेशक की टिप्पणी की हो रही आलोचन

आईआईटी-मद्रास के निदेशक कामकोटि ने अपने वक्तव्य में कृषि और अर्थव्यवस्था में स्वदेशी मवेशियों की भूमिका महत्ता बताई। उन्होंने कार्यक्रम में लोगों से यह अपील की कि उन्हें जैविक खेती पर जोर देना चाहिए और इस काम में मवेशियों की महत्ता पर प्रकाश डाला। गोमूत्र पर कामकोटि की टिप्पणियों की विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक समूहों ने तीखी आलोचना की। तर्कवादी संगठन द्रविड़ कज़गम ने कामकोटि पर अवैज्ञानिक मान्यताओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
‘गोमूत्र के औषधीय महत्व का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं’

द्रविड़ कड़गम के उपाध्यक्ष के पूंगुंद्रन (K Poongundran, vice-president of Dravidar Kazhagam) ने कामकोटि के वक्तव्य की आलोचना करते हुए कहा, “गोमूत्र (Gaumutra) के औषधीय महत्व का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह जानवर का तरल अपशिष्ट है। उनकी टिप्पणी से पता चलता है कि आईआईटी-मद्रास के निदेशक के पास वैज्ञानिक सोच नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के पशु कल्याण विभाग के अनुसंधान केंद्र द्वारा किए गए एक अध्ययन से यह पता चलता है कि गोमूत्र में बैक्टीरिया होते हैं और यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं है।”

‘Gaumutra कोई दवा नहीं और कामकोटि…’

डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन (DMK leader TKS Elangovan) ने कहा, “गोमूत्र (Gaumutra) कोई दवा नहीं है और कामकोटि ऐसी बातें कहने के लिए योग्य डॉक्टर नहीं हैं। अगर किसी को कोई समस्या है तो उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।”

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