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‘मुझे नहीं पता था कि पेड़ काटने के लिए अनुमति की जरूरत होती है’, सुप्रीम कोर्ट में बोले दिल्ली के उपराज्यपाल

Supreme Court: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उन्हें नहीं पता था कि राजधानी के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता है।

नई दिल्लीOct 23, 2024 / 01:41 pm

Shaitan Prajapat

Supreme Court: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उन्हें नहीं पता था कि राजधानी के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता है, जो अरावली का विस्तार है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कोर्ट की सुनवाई से पहले एक निजी हलफनामे में यह बात कही। आपको बता दें कि फरवरी में अदालत की अनुमति के बिना 642 पेड़ों को काटा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एलजी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा

वीके सक्सेना दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अध्यक्ष भी हैं। कोर्ट ने उनसे व्यक्तिगत हलफनामे में यह बताने को कहा था कि 600 से अधिक पेड़ों की कथित अवैध कटाई के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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जानिए एलजी ने हलफनामे में SC को क्या-क्या बताया

दिल्ली के उपराज्यपाल ने अदालत द्वारा 16 अक्टूबर को पारित आदेश के जवाब में मंगलवार देर रात एक हलफनामा दायर किया। यह मामला बिंदु कपूरिया द्वारा दायर एक अवमानना ​​याचिका से संबंधित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली के दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1100 पेड़ों को काटकर एक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। याचिका के अनुसार, इस सड़क का निर्माण अर्धसैनिक बलों के लिए सीएपीएफआईएमएस (CAPFIMS) अस्पताल, दिल्ली पुलिस, सीबीआई, एनआईए, और सीआईएसएफ के लिए अन्य आवासीय परियोजनाओं, साथ ही सार्क विश्वविद्यालय और मल्टी-स्पेशिएलिटी अस्पतालों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इस परियोजना पर पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की गई है, विशेष रूप से पेड़ों की कटाई के संदर्भ में। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर सरकार से जवाब मांगा था, जिसके बाद उपराज्यपाल ने अपना हलफनामा दायर किया।

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