देश की जानी मानी उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने राहुल गांधी को अपने कैंपस में दौरे की इजाजत नहीं दी है। राहुल गांधी का 7 मई को कैंपस जाने का प्लान था और इसे एक गैर-राजनीतिक दौरा बताया जा रहा था। कांग्रेस ने इसको लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति पर तीखा हमला बोला।
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दरअसल यूनिवर्सिटी की ओर से लिखित रूप से दौरा रद्द करने की जानकारी नहीं दी है। हालांकि उस्मानिया यूनिवर्सिटी की आधिकारिक परिषद ने कथित रूप से मंजूरी देने से इनकार किया है। इसके बाद से कांग्रेस और टीआरएस आमने-सामने हैं। ये है कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यक्रम को इजाजत ना देने को लेकर पार्टी ने टीआरएस के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है कि टीआरएस ने राहुल गांधी के दौरे को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी पर दवाब बनाया है।
कांग्रेस विधायक जग्गा रेड्डी ने कहा है कि राज्य सरकार ने राहुल गांधी की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में दौरे को लेकर संस्थान पर दवाब बनाया है, जिसके बाद संस्थान की ओर से इस दौरे को मंजूरी नहीं दी गई, जबकि ये गैर राजनीतिक दौरा था।
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दरअसल यूनिवर्सिटी की ओर से लिखित रूप से दौरा रद्द करने की जानकारी नहीं दी है। हालांकि उस्मानिया यूनिवर्सिटी की आधिकारिक परिषद ने कथित रूप से मंजूरी देने से इनकार किया है। इसके बाद से कांग्रेस और टीआरएस आमने-सामने हैं। ये है कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यक्रम को इजाजत ना देने को लेकर पार्टी ने टीआरएस के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है कि टीआरएस ने राहुल गांधी के दौरे को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी पर दवाब बनाया है।
कांग्रेस विधायक जग्गा रेड्डी ने कहा है कि राज्य सरकार ने राहुल गांधी की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में दौरे को लेकर संस्थान पर दवाब बनाया है, जिसके बाद संस्थान की ओर से इस दौरे को मंजूरी नहीं दी गई, जबकि ये गैर राजनीतिक दौरा था।
यही नहीं रेड्डी ने ये भी कहा कि, हमने 23 अप्रैल को इस कार्यक्रम के लिए आवेदन किया था। इस आवेदन में साफ तौर पर कहा था कि, ये विजिट पूरी तरह गैर राजनीतिक है।
2017 से राजनीतिक और गैर-शैक्षणिक कार्यक्रमों पर रोक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 2017 में कार्यकारी परिषद ने एक प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव में राजनीति के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर कैंपस में रोक लगा दी थी।
वहीं इससे एक वर्ष पहले यानी 2016 में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यूनिवर्सिटी कैंपस में राजनीतिक और सार्वजनिक बैठकों की अनुमति नहीं देने के आदेश दिए थे। इस दौरान रानीतिक गतिविधियों को लेकर हो रही परेशानी को लेकर कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 2017 में कार्यकारी परिषद ने एक प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव में राजनीति के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर कैंपस में रोक लगा दी थी।
वहीं इससे एक वर्ष पहले यानी 2016 में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यूनिवर्सिटी कैंपस में राजनीतिक और सार्वजनिक बैठकों की अनुमति नहीं देने के आदेश दिए थे। इस दौरान रानीतिक गतिविधियों को लेकर हो रही परेशानी को लेकर कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी।
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