लाल सडक़ पर लोगों को कुचल था रोलर से दिल्ली के बादशाह बहादुर शाह के आदेश पर 29 मई, 1857 को रोहनात वासियों ने क्रांतिकारियों का साथ देते हुए अंग्रेजी सेना पर आक्रमण बोला था। ग्रामीणों ने हांसी में सरकारी खजाना लूट लिया था। हिसार में 12 और हांसी में 11 अफसरों की हत्या कर दी थी। अंग्रेजों ने गांव को तोप से उड़ा दिया था। हांसी में सडक़ के बीच रोड रोलर से लोगों को मौत के घाट उतारा था। वह सडक़ लाल सडक़ के नाम से पहचानी जाती है।
अंग्रेजों ने नीलाम कर दिया था गांव 14 सितंबर, 1857 को गांव को बागी घोषित कर अंग्रेजों ने गांव को नीलाम करने का फैसला किया। 20 जुलाई, 1857 को जमीन नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। एक महीने में 8100 रुपए में भूमि नीलाम कर दी। इसे आसपास के गांवों के 61 लोगों ने खरीदा था। बेदखल होने के कारण गांव के किसान अपनी ही जमीन पर मजदूरी करने को मजबूर हो गए।