स्मारकों का इतिहास
आजाद भारत में सबसे पहले जिस बड़े नेता को कुर्बानी देनी पड़ी वह थे महात्मा गांधी। गांधी की 30 जनवरी, 1948 को नाथू राम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यमुना किनारे राज घाट पर उनकी समाधि बनाई गई। उसके बाद उसी इलाके में उन नेताओं का भी अंतिम संस्कार किया जाने लगा जो प्रधानमंत्री रहे थे। संजय गांधी उनमें एक अपवाद थे। वह प्रधानमंत्री या सरकार में किसी ओहदे पर नहीं थे, फिर भी पंडित जवाहर लाल नेहरू के स्मारक (शांति वन) के पास ही संजय का भी स्मारक बनवाया गया।क्र. | प्रधानमंत्री | निधन कब हुआ | स्मारक कहां बना |
1 | जवाहर लाल नेहरू | 27 मई 1964 | शांति वन |
2 | लालबहादुर शास्त्री | 11 जनवरी 1966 | विजय घाट |
3 | इन्दिरा गान्धी | 31 अक्टूबर 1984 | शक्ति स्थल |
4 | मोरारजी देसाई | 10 अप्रैल 1995 | अभय घाट |
5 | चौधरी चरण सिंह | 29 मई 1987 | किसान घाट |
6 | राजीव गान्धी | 21 मई 1991 | वीर भूमि |
7 | चंद्रशेखर | 8 जुलाई 2007 | जननायक स्थल |
8 | नरसिम्हा राव | 23 दिसंबर 2004 | ज्ञान भूमि |
9 | इंद्रकुमार गुज़राल | 30 नवंबर 2012 | स्मृति स्थल परिसर |
10 | अटल बिहारी वाजपेयी | 16 अगस्त 2018 | सदैव अटल |
वी.पी. सिंह का कोई स्मारक नहीं
वी.पी. सिंह, जिन्होंने 1989-90 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और मंडल आयोग के विवाद के बाद देश की सियासत बदल दी, वी.पी. सिंह अब तक एकमात्र ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री हैं जिनका कोई स्मारक नहीं है। सियासी गलियारों में यह सवाल अकसर उठता है कि वी.पी. सिंह के योगदान को क्यों सम्मानित नहीं किया गया, जबकि अन्य प्रधानमंत्री जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी, और नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में स्मारक बनाए गए हैं।क्या है प्रोटोकॉल?
यहां बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और अन्य किसी विशेष व्यक्ति के लिए समाधि बनाने को लेकर देश में कोई खास कानून नहीं है। हालांकि, इससे जुड़े कई दिशा-निर्देश और प्रथाएं हैं, जो केवल केंद्र सरकार तय करती है। पूर्व प्रधानमंत्रियों या अन्य नेताओं की समाधि को बनाना और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार की होती है।मनमोहन सिंह के लिए स्मारक की योजना
कांग्रेस और भाजपा के बीच बहस के बीच, यह चर्चा की जा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए एक उपयुक्त स्मारक कब और कहां बनाया जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया, जो उनके सम्मान के योग्य नहीं था, जबकि मोदी सरकार इस बात पर काम कर रही है कि डॉ. सिंह के योगदान को सम्मानित करने के लिए जल्द ही एक उपयुक्त स्मारक बनवाया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह निर्णय एक ट्रस्ट के द्वारा लिया जाएगा, जिसमें दोनों दलों के सदस्य शामिल होंगे, और चर्चा की जा रही है कि यह स्मारक शांति वन, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास बनाया जा सकता है। इस तरह, भारत के विभिन्न प्रधानमंत्री और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए विभिन्न स्थलों पर स्मारक बनाए गए हैं, लेकिन वी.पी. सिंह का स्मारक अब तक कहीं भी नहीं है।Hindi News / National News / राजघाट इलाके में संजय गांधी का स्मारक, वीपी सिंह को नहीं मिली जगह, क्या मनमोहन सिंह का बन पाएगा?