हिंदी की कविता और शायरी:
हिंदी दिवस के मौके पर कविताओं और शायरी का आयोजन हिंदी भाषा की सुंदरता और गहराई को दर्शाता है। कई कवियों ने हिंदी भाषा की मिठास और प्रभाव को शब्दों में पिरोते हुए अपनी कविताएं प्रस्तुत की। इस दिन की प्रमुख कविताओं में से एक में कहा गया। “हिंदी हमारी मातृभाषा, हमारी पहचान, इसकी मिठास से सजी है हमारी हर बात की जान।” इसके अलावा, शायरी के माध्यम से भी हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त किया गया: “हिंदी के शब्दों में बसी है हमारी संस्कृति की धरोहर, इसकी खुशबू से महकते हैं हम सबके दिल और घर।”
हिंदी उद्धरण और स्लोगन:
हिंदी दिवस पर विशेष उद्धरण और स्लोगन भी प्रस्तुत किए गए, जो हिंदी भाषा के महत्व को सरल और प्रभावी ढंग से व्यक्त करते हैं। कुछ प्रमुख उद्धरण निम्नलिखित हैं। “हिंदी भाषा हमारी पहचान है, इसे संजोना हमारी जिम्मेदारी।”
“हिंदी में हैं हम सभी की आवाज, इसे सहेजना है हमारा आदर्श।”
“भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है।”
जो अ अनपढ़ से शुरू होकर
ज्ञ ज्ञानी पर समाप्त होती है!
“हिंदी में हैं हम सभी की आवाज, इसे सहेजना है हमारा आदर्श।”
“भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है।”
हिंदी दिवस पर शायरी (Hindi Diwas Shayari)
हिंदी दुनिया की एकमात्र ऐसी भाषा है,जो अ अनपढ़ से शुरू होकर
ज्ञ ज्ञानी पर समाप्त होती है!
हिंदुस्तान की है शान हिंदी
हिंदुस्तान की है पहचान हिंदी
हर दिल का अरमान है हिंदी सब का अभिमान है हिंदी,
भारत देश की शान है हिंदी!
सबको प्यारी लगे, हिंदी की बिंदी हिंदी को आगे बढ़ाना है,
उन्नति की राह पर ले जाना है
हमें रोज हिंदी दिवस मनाना है!
हिंदुस्तान की है पहचान हिंदी
हर दिल का अरमान है हिंदी सब का अभिमान है हिंदी,
भारत देश की शान है हिंदी!
सबको प्यारी लगे, हिंदी की बिंदी हिंदी को आगे बढ़ाना है,
उन्नति की राह पर ले जाना है
हमें रोज हिंदी दिवस मनाना है!
हर दिल में बसे है हिंदी
सबको न्यारी लगे हिंदी
हिंदी से ही रोशन होगा देश
हिंदी से ही है बिंदी की कहानी हिंदी की मिठास में बसी है हमारी पहचान,
इसके शब्दों से चमकती है हमारी आन-बान।
हिंदी दिवस के इस खास मौके पर,
सहेजें हम इसे, ये है हमारी सांस्कृतिक जान।
सबको न्यारी लगे हिंदी
हिंदी से ही रोशन होगा देश
हिंदी से ही है बिंदी की कहानी हिंदी की मिठास में बसी है हमारी पहचान,
इसके शब्दों से चमकती है हमारी आन-बान।
हिंदी दिवस के इस खास मौके पर,
सहेजें हम इसे, ये है हमारी सांस्कृतिक जान।
“हिंदी के बोल में बसी है भारतीयता की छवि,
इसे अपनाकर बनाएं हम सबकी हर बात नयी।
हिंदी दिवस पर हम सब संकल्प लें,
इस भाषा को हर दिल में बसाएं, यही है हमारी कोशिश की सच्चाई।
इसे अपनाकर बनाएं हम सबकी हर बात नयी।
हिंदी दिवस पर हम सब संकल्प लें,
इस भाषा को हर दिल में बसाएं, यही है हमारी कोशिश की सच्चाई।
हिंदी भाषा की खुशबू से महकता हर मन,
इसका महत्व जानिए, सहेजिए इसे हर दिन।
हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर दें ये संदेश,
अपनी मातृभाषा को करें हम गर्व से पेश। हिंदी भाषा की अमृत धारा से है ये देश सुगंधित,
इसे संजोना है हमारी सांस्कृतिक जिम्मेदारी, यही है सही।
हिंदी दिवस पर हम सब करें ये संकल्प,
अपनी भाषा को दें सम्मान, यही है हमारा हक।
इसका महत्व जानिए, सहेजिए इसे हर दिन।
हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर दें ये संदेश,
अपनी मातृभाषा को करें हम गर्व से पेश। हिंदी भाषा की अमृत धारा से है ये देश सुगंधित,
इसे संजोना है हमारी सांस्कृतिक जिम्मेदारी, यही है सही।
हिंदी दिवस पर हम सब करें ये संकल्प,
अपनी भाषा को दें सम्मान, यही है हमारा हक।
मातृभाषा की चाशनी में घुली है प्यार की बातें,
हिंदी में बसी हैं संस्कार की सौगातें।
इस हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर मनाएं,
इस भाषा को सम्मान दें, अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सजाएं।
इसके हर शब्द में बसती है हमारी भावनाओं की शक्ति।
इस हिंदी दिवस पर, हम सब इसे गले लगाएं,
अपनी भाषा को गर्व से अपनाएं।”
हिंदी में बसी हैं संस्कार की सौगातें।
इस हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर मनाएं,
इस भाषा को सम्मान दें, अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सजाएं।
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कविताएं
“हिंदी के अक्षरों में छिपी है संस्कृति की गाथा,इसके हर शब्द में बसती है हमारी भावनाओं की शक्ति।
इस हिंदी दिवस पर, हम सब इसे गले लगाएं,
अपनी भाषा को गर्व से अपनाएं।”
“हिंदी की भाषा में बसी है हमारी आन,
इसकी मिठास से सजी है हर एक बात की जान।
हिंदी दिवस पर, इसे हम सब संजोएं,
अपनी मातृभाषा को हम गर्व से अपनाएं।” “हिंदी के शब्दों में बसी है हमें पहचान,
इस भाषा के माध्यम से व्यक्त करें अपने भाव।
हिंदी दिवस के इस अवसर पर,
अपनी मातृभाषा को दें सम्मान और प्यार।”
इसकी मिठास से सजी है हर एक बात की जान।
हिंदी दिवस पर, इसे हम सब संजोएं,
अपनी मातृभाषा को हम गर्व से अपनाएं।” “हिंदी के शब्दों में बसी है हमें पहचान,
इस भाषा के माध्यम से व्यक्त करें अपने भाव।
हिंदी दिवस के इस अवसर पर,
अपनी मातृभाषा को दें सम्मान और प्यार।”
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“हिंदी की लिपि में बसी है भारतीय संस्कृति की सुगंध,
इसके शब्दों से ही चमकती है हमारी हर एक बात की रंग।
हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर सहेजें,
अपनी मातृभाषा को हम गर्व से अपनाएं।” “भाषा की मिठास में छिपा है संस्कृति का रस,
हिंदी की धारा में बसी है हमारी खुशबू और कश।
हिंदी दिवस पर, हम सब मिलकर संकल्प लें,
इस भाषा को संजोएं, इसे गर्व से अपनाएं।”