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Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है, ये कैसे करती है काम? जानिए नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी

Hindenburg Research Explainer: देश में एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर चर्चाएं तेज हैं। आइए जानते हैं हिंडनबर्ग रिसर्च है क्या-

नई दिल्लीAug 13, 2024 / 10:41 am

Akash Sharma

hindenburg research Nathan Anderson

hindenburg research Nathan Anderson

Hindenburg Research Explainer: देश में एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर चर्चाएं तेज हैं। हिंडेनबर्ग ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले अडाणी समूह (Adani Group) को लेकर जारी की गई रिपोर्ट को लेकर हिंडनबर्ग खूब चर्चा में बना हुआ है। आइए जानते हैं हिंडनबर्ग रिसर्च है क्या-
Nathan Anderson Founder of Hindenburg
Nathan Anderson Founder of Hindenburg

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है? (What is Hindenburg Research)

हिंडनबर्ग एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने की थी। हिंडनबर्ग कंपनी का कहना है कि वो वित्तीय घोटालों, कॉर्पोरेट गड़बड़ियों और संभावित धोखाधड़ी की गतिविधियों का पर्दाफाश करने में माहिर है। रिसर्च कंपनी का मुख्य उद्देश्य उन कंपनियों को बेनकाब करना है, जो निवेशकों को गुमराह कर सकती हैं या गुमराह कर रहीं हैं। हिंडनबर्ग शॉर्ट सेलिंग कर वित्तीय लाभ भी कमाती है। हिंडनबर्ग अब तक कई कंपनियों के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित कर चुकी है।

नाथन एंडरसन कौन हैं?

नाथन एंडरसन ने अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से इंटरनेशल बिजनेस में पढ़ाई की है। 38 वर्षीय एंडरसन ने डेटा रिसर्च और फाइनेंशियल एनालिटिक्स के क्षेत्र में काम किया है। कहा जाता है कि यहीं से उन्हें मार्केट रिसर्च कंपनी शुरू करने का आइडिया आया। एंडरसन और उनकी कंपनी ज्यादातर काम गोपनीय रखती है, इसलिए उनके बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं है। जानकारी के अनुसार एंडरसन की संपत्ति 42 करोड़ रुपये बताई जाती है।
Hindenburg Research Report
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी

हिंडनबर्ग ऐसे काम करती है

हिंडनबर्ग 3 पैमानों पर किसी कंपनी की रिपोर्ट बनाती है। पहली- कंपनी में निवेश के आंकड़ों का विश्लेषण, दूसरा- खोजी रिसर्च और तीसरा- सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी। हिंडनबर्ग आमतौर पर गुप्त जानकारी के लिए व्हिसल ब्लोओर की मदद लेती है। हिंडनबर्ग की कमाई मुख्य तौर पर शॉर्ट सेलिंग से होती है। शॉर्ट सेलिंग ऐसी रणनीति होती है, जब निवेशक बाजार या शेयर में गिरावट से कमाई करते हैं। निवेशकों को लगता है कि ये शेयर गिरने वाला है तो वे उसे बेच देते हैं और जब शेयर की कीमत वास्तविकता में गिर जाती है तो उसे खरीद लेते हैं।

हिंडनबर्ग नाम के पीछे भी है दिलचस्प कहानी

नाथन एंडरसन ने अपनी कंपनी का नाम 1937 में हुई एक एयरशिप दुर्घटना के नाम पर रखा गया है। दरअसल, 6 मई, 1937 को LZ129 हिंडनबर्ग अमेरिका के न्यू जर्सी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ये उस समय का सबसे बड़ा और आधुनिक विमान था। एंडरसन ने अपनी कंपनी का नाम हिंडनबर्ग इसलिए रखा, जिससे प्रतीकात्मक संदेश दिया जा सके कि जिन कंपनियों पर वे रिपोर्ट जारी करते हैं वे भी इस विमान की तरह विनाशकारी रूप से गिर सकती हैं।

हिंडनबर्ग की ये है मोस्ट कन्ट्रोवर्शियल रिपोर्ट्स

हिंडनबर्ग अब तक Adani group सहित 19 कंपनियों पर रिपोर्ट जारी कर चुका है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां US की ही थीं। हिंडनबर्ग की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिकी ऑटो कंपनी निकोला (Nikola) को लेकर थी। इसके बाद निकोला के शेयर 80 प्रतिशत तक टूट गए थे और कंपनी संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष ट्रेवर मिल्टन को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके अलावा लॉर्डस्टाउन मोटर्स, रॉयट ब्लॉकचेन, ओप्को हेल्थ, जीनियर ब्रांड्स समेत कई कंपनियों को हिंडनबर्ग निशाने पर ले चुकी है।

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