अपने बयानों के लिए जाने जाने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार मिया मुसलमानों के वोट नहीं चाहती है और उसने कभी भी ‘मिया मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति’ नहीं की है। सरमा ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने सभी समुदायों के विकास के लिए काम किया है। बता दें कि ‘मिया’ असम में बंगाली भाषी या बंगाल मूल के मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपमानजनक शब्द है।
बदरुद्दीन अजमल के बयान पर दी प्रतिक्रिया
सरमा ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें मिया मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए। इससे पहले अजमल ने कहा था कि अगर मिया मुस्लिम गुवाहाटी में तीन दिनों तक काम नहीं करते हैं, तो यह कब्रिस्तान में बदल जाएगा। मिया मुस्लिम सौ साल तक भाजपा को वोट नहीं देंगे।
मिया मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देगा- सरमा
सरमा ने दिसपुर में एक मीडिया मीट में दौरान टिप्पणी की, “हम जानते हैं कि मिया मुस्लिम समुदाय असम में भाजपा को वोट नहीं देगा। लेकिन राज्य सरकार असम में मिया मुस्लिम समुदाय सहित सभी समुदायों के कल्याण के लिए काम कर रही है। हालांकि, हम कोई मिया मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति नहीं कर रहे हैं।”
ये भी पढ़ें: 19 नवंबर को एयर इंडिया के विमान… खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी भारत को धमकी