ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक अकबरुद्दीन ओवेसी पर चुनाव प्रचार के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर को इंस्पेक्टर को धमकी देने का आरोप लगा है। बता दें कि उनकी इस हरकत पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है। बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंब को वोटिंग होनी है और अन्य राज्यों की तरह ही इस राज्य का भी चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को ही आएगा।
अगर असम में की होती तो…
अकबरुद्दीन ओवेसी के बयान पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “ AIMIM नेता अकबरुद्दीन औवेसी द्वारा अपनी सार्वजनिक रैली के दौरान एक पुलिस अधिकारी को धमकाया…यह बहुत दुखद है। अगर ऐसा काम असम में होता तो पुलिस तुरंत हिसाब कर देती।”
जहां पुलिस सुरक्षित नहीं, वहां लोग कैसे होंगे
वहीं, ओवैसी के बहाने तेलंगाना के मुथ्यमंत्री केसीआर पर निशाना साधते हुए सीएम सरमा ने बुधवार को एक जनसभा में कहा कि यहां के एक नेता पुलिस को धमकी देते हैं। अगर असम में ऐसा हुआ होता तो मामला पांच मिनट में सुलझ गया होता। तेलंगाना में तुष्टिकरण की राजनीति के कारण न तो बीआरएस और न ही कांग्रेस कुछ कह रही है। खुलेआम पुलिस को धमकी दी जा रही है, तो लोगों को भी खतरा महसूस होगा ही। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से अकबरुद्दीन ओवैसी की उम्मीदवारी को “रद्द” करने की भी मांग की।
ओवैसी पर इंस्पेक्टर को धमकाने का आरोप
बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी के भाई अकबरुद्दीन ओवेसी पर बुधवार को एक पुलिस इंस्पेक्टर को खुलेआम धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था।
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