दरअसल मुंबई के 12 और दिल्ली के एक पर्यटक समेत 13 पर्यटक शिमला के जांगलिक से बरुआ कांडा होते हुए किन्नौर के सांगला जा रहे थे। इस बीच आया बर्फीला तूफान इन पर कहर बनकर टूटा। इस तूफान की चपेट में आकर तीन लोगों की मौत हो गई।
यह भी पढ़ेँः Jammu Kashmir Weather Update: कई हिस्सों में बारिश ने बदला मौसम, गुलमर्ग में सीजन की पहली बर्फबारी, NH 44 बंद मृतकों की पहचान 58 वर्षीय दीपक नारायण , 65वर्षीय राजेंद्र पाठक और 64 वर्षीय अशोक मधुकर के रूप में हुई है। आईटीबीपी के अधिकारियों ने किन्नौर में 4,696 मीटर बुरान दर्रे पर कुल 13 में से 10 लोगों को बचा लिया। अधिकारियों ने बताया कि 13 ट्रैकर्स का एक समूह रोहड़ू के जंगलीख इलाके से, शिमला के सांगला, किन्नौर पहुंचने के लिए निकला था।
वे बुरान दर्रा तक पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन वहां क्षेत्र में भारी बर्फबारी के बाद आगे नहीं बढ़ सके। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें 112 हेल्पलाइन पर सूचना मिली थी। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
अधिकारियों के मुताबिक किन्नौर में 4,696 मीटर की ऊंचाई पर बुरान दर्रे पर ट्रैकर्स भारी बर्फबारी में फंस गए। किन्नौर के उपायुक्त अपूर्व देवगन के मुताबिक ITBP ने जहां दस ट्रैकर्स को बचाया है, वहीं इस घटना में मारे गए तीन ट्रैकर्स के शव चार फीट बर्फ के नीचे दबे हैं।
यह भी पढ़ेँः Uttarakhand: लमखागा पास में फंसे 17 ट्रेकर्स में से अब तक 11 की मौत, 6 अब भी लापता, तलाश में जुटी वायुसेना हेलिकॉप्टर से शुरू हुआ तलाशी अभियान बता दें कि एक अन्य घटना में उत्तरकाशी के हर्षिल से रवाना हुए किन्नौर के लमखागा से दो ट्रैकर्स लापता हो गए हैं। लापता ट्रैकर्स को बचाने के लिए अभियान सोमवार को शुरू किया गया है। दरअसल खराब मौसम के चलते रविवार को हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके।