श्याम शरण की उम्र 104 वर्ष है। उम्र के इस पड़ाव में भी श्याम शरण नेगी ने देश के प्रति अपने कर्तव्य और अपने मताधिकार को उतना ही महत्व दिया जितना उन्होंने अपनी उम्र के पहले मतदान के दौरान दिया था। चुनाव था तो हर बार की तरह श्याम शरण नेगी इस बार भी अपने मत का उपयोग करने केंद्र पर पहुंचे।
यह भी पढ़ेँः By Election: लोकसभा की तीन और 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी उम्र ज्यादा होने और कुछ बीमारियों के चलते श्याम शरण अब उतने फिट नहीं है, यही वजह रही कि वे वोट डालने व्हीलचेयर पर पहुंचे। लेकिन उनके स्वागत के लिए ना सिर्फ वहां पर जोरदार तालियां बचीं बल्कि उनके लिए रेड कारपेट भी बिछाया गया।
जिला प्रशासन की ओर से श्याम सरन नेगी को उनके घर से वाहन के रिए सम्मान पूर्वक कल्पा पोलिंग बूथ तक लाया गया। मास्टर श्याम सरन नेगी मतदान करने के लिए कल्पा बूथ पर दोपहर में पहुंचे। इस दौरान किन्नौर प्रशासन व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ उनका वेलकम हुआ।
मास्टर श्याम शरण नेगी के बूथ पर पहुंचने पर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने उनका किन्नौरी टोपी व मफलर पहनाकर स्वागत कर सम्मानित किया। यह भी पढ़ेँः हिमाचल प्रदेशः ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग के दौरान हादसे में दो पर्यटकों की मौत, 4 युवतियां घायल
बता दें कि मास्टर श्याम शरण नेगी ने साल 1951 में पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाला था। लोकसभा चुनाव वैसे तो 1952 में हुए थे, लेकिन बर्फबारी के चलते किन्नौर के कल्पा में छह महीने पहले ही वोट डाले गए थे। ऐसे के पहले वोटरों में श्याम शरण नेगी शामिल हैं।
नेगी अब 104 साल के हो चुके हैं और बीते कई दशकों से वे इसी तरह वोट डालकर दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।