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‘हमसे भी होती हैं गलतियां…’ हाईकोर्ट ने वापस लिया चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में अपना आदेश

Karnataka High Court : जज बोले, पीठ ने की आइटी कानून की धारा की गलत व्याख्या, हमसे भी होती हैं गलतियां। हाईकोर्ट ने वापस लिया चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में अपना आदेश।

नई दिल्लीJul 22, 2024 / 11:41 am

Akash Sharma

High Court Of Karnataka

Court News: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया, जिसमें कहा गया था कि सिर्फ चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) देखना आइटी अधिनियम के तहत अपराध नहीं है। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की खंडपीठ ने आदेश वापस लेते हुए कहा कि पीठ ने गुरुवार को इसे पारित करते समय धारा 67B (b) को गलत व्याख्या की। जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा, हम भी इंसान हैं। हमसे भी गलतियां होती हैं। सुधार के लिए हमेशा अवसर होता है।पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की याचिका पर आइटी अधिनियम की धारा 67B (a) के तहत आदेश पारित किया गया था। इस धारा के मुताबिक टेक्स्ट या डिजिटल चित्र बनाना, संग्रह, सर्च, ब्राउज, डाउनलोड, विज्ञापन बनाना, प्रसारण, आदान-प्रदान या बच्चों को अश्लील, अभद्र तरीके से चित्रित करना जांच के दायरे में आता है।

जांच के बाद जारी होगा नया आदेश

हाईकोर्ट के पिछले आदेश से 50 मिनट चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाली वेबसाइट देखने के मामले के आरोपी को राहत मिल गई थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अब कहा है कि पिछले आदेश की जांच के बाद नया आदेश जारी किया जाएगा।

वकील की दलील

आरोपी के खिलाफ आइटी अधिनियम की धारा 67B (बच्चों से संबंधित सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मार्च 2022 में शिकायत दर्ज की गई थी। उसके वकील की दलील थी कि ऐसे मामले में धारा 67B लागू नहीं की जा सकती, क्योंकि उसके मुवक्किल ने सिर्फ वेबसाइट देखी थी। कुछ भी प्रसारित नहीं किया था।

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