ईडी की कार्रवाई के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। दरअसल, हेमंत सोरेन की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही में जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस के लिए वक्त की मांग की। अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई कल यानी शुक्रवार को निर्धारित की है।
हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने की सुनवाई
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन की ओर से ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए कल ही हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट पिटिशन दाखिल की गई थी। इसको लेकर मेंशन किए जाने के बाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सुनवाई की। हेमंत सोरेन की ओर से कपिल सिब्बल के अलावा हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा। ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने बहस की।
सुप्रीम कोर्ट गए पूर्व मुख्यमंत्री
वहीं, हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जानकारी के मुताबिक उनके वकील कपिल सिब्बल आज ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। सोरेन की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि हम हाई कोर्ट में दाखिल याचिका वापस लेते हैं. सुप्रीम कोर्ट अब उनकी याचिका पर शुक्रवार (2 फरवरी) को सुनवाई करेगी।
आदिवासी संगठनाें का बंद आज
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में एक फरवरी को ‘समस्त आदिवासी मूलवासी संगठन’ ने झारखंड बंद का एलान किया है। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने बताया कि बंद का आह्वान केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी सेना, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत, झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन, आदिवासी लोहरा समाज व अन्य संगठनों ने किया है। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि उनकी पार्टी ने बंद का कोई कॉल नहीं किया है।