अच्छी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए इन चीजों का ध्यान रखें
1. बेहतर हो सीएसआर
इतना हो क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
90 प्रतिशत से ज्यादा अच्छा
80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत ठीक-ठाक
80 प्रतिशत से कम पॉलिसी नहीं लें
(3 साल का औसत सीएसआर)
90 प्रतिशत से ज्यादा अच्छा
80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत ठीक-ठाक
80 प्रतिशत से कम पॉलिसी नहीं लें
(3 साल का औसत सीएसआर)
यह भी पढ़ें
Pension Update: ‘अगले महीने से बंद हो जाएगी पेंशन’, सरकार ने पेंशनर्स को चेताया, जारी किया ये नया अपडेट
2. हॉस्पिटल नेटवर्क
कितना बड़ा हो नेटवर्क
8000 से ज्यादा अस्पताल अच्छा
5000-8000 के बीच ठीक-ठाक
5000 से कम हॉस्पिटल पॉलिसी नहीं लें
8000 से ज्यादा अस्पताल अच्छा
5000-8000 के बीच ठीक-ठाक
5000 से कम हॉस्पिटल पॉलिसी नहीं लें
यह भी पढ़ें
अब इस मंदिर में प्रसाद लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी, तभी मिलेगा लड्डू
3. ट्रैक रेकॉर्ड
क्या हो पैमाना
10 साल से ज्यादा अच्छा
05 से 10 साल ठीक-ठाक
05 साल से कम पॉलिसी नहीं लें
10 साल से ज्यादा अच्छा
05 से 10 साल ठीक-ठाक
05 साल से कम पॉलिसी नहीं लें
यह भी पढ़ें
ITR Refund: आयकर रिटर्न भरने के बाद नहीं आया रिफंड, स्टेप बाय स्टेप जानें क्या है प्रोसेस
4. अच्छा आईसीआर जरूरी
5. कम शिकायतें
पॉलिसी में कैसे फीचर्स होने चाहिए?
कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस: इससे बीमाधारक को मेडिकल बिल का भुगतान नहीं करना पड़ता। बीमा कंपनी सीधे अस्पताल के बिलों का भुगतान करती है। नो रूम रेंट लिमिट: अच्छी पॉलिसी वह है जिसमें हैं, जिनमें रूम रेंट की कैपिंग यानी लिमिट नहीं हो। या फिर लिमिट जितना ज्यादा होगा, उतना बेहतर। को-पे न हो: कुछ खास बीमारियों में इंश्योरेंस कंपनियां लिमिट लगाती है। बेहतर पॉलिसी वह है जिनमें सब लिमिट ना हो। साथ ही को-पे भी नहीं होना चाहिए। फॉलोअप ट्रीटमेंट: यह किसी बीमारी का इलाज खत्म होने के बाद समय-समय पर दी जाने वाली देखभाल है। अच्छी पॉलिसी में इसका भी भुगतान होता है।
डे केयर: पॉलिसी में डे केयर उन बीमारियों को लिए होता हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। जिन पॉलिसीज में यह है, वे बेहतर हैं। ये भी हो: पॉलिसी में फ्री एनुअल चेकअप, वेलनेस प्रोग्राम, रीस्टोरेशन बेनिफिट, लॉयल्टी बेनिफिट वाले फीचर्स भी होना चाहिए।