शरद यादव कहा, “मुझे खुशी हो रही है कि उन्होंने देश के मामले में चिंता की। हमने बताया कि कमजोर वर्ग को पकड़ना जरूरी है। जो कांग्रेस के पास थे वो लाए जा सकते हैं। मैं चाहता हूं कि राहुल जी कांग्रेस के अध्यक्ष बनें और नेतृत्व प्रदान करें।”
तो वहीं, राहुल गांधी ने शरद यादव से मुलाकात के बाद कहा, “शरद यादव जी मेरे गुरु हैं, इसलिए गुरु से मिलने आया था। बहुत कुछ सीखा है हमने शरद जी से। देश की हालत खराब है. नफरत फैलाई जा रही है। लोगों को बांटा जा रहा है। देश को एक साथ लाना है।”
राहुल गांधी ने महंगाई और रोजगार का मामला उठाते हुए कहा, “भारत के मौज़ूदा आर्थिक हालात के संदर्भ में आने वाला वक़्त कैसा होगा इसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते हैं। जो आने वाला है, वह आप ने अपनी ज़िंदगी में देखा भी नहीं होगा। इस देश को रोज़गार देने वाली रीढ़ की हड्डी (SSI यूनिट) वह टूट गई है। इन्होंने जो यह रीढ़ की हड्डी तोड़ी है, इसका नतीज़ा अगले 2-4 साल के अंदर आएगा और वह नतीज़ा बहुत भयंकर होगा।”
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत को बांटा गया है। भारत पहले एक देश हुआ करता था। अब इसमें अलग-अलग देश बना दिए गए हैं और सबको एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। जब यह दर्द आएगा तो हिंसा आएगी। अभी मत मानो मेरी बात। 2-3 साल रुक जाओ, फिर देख लेना।”
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इसके आगे राहुल गांधी ने कहा, “जैसे रूस यूक्रेन को कह रहा है कि डोनबास और लुहांस्क आपका नहीं है। उसी तरह से चीन भारत को कह रहा है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश आपका नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने फौज वहां बैठा रखी है। जो मॉडल वहां लागू हुआ है, वह यहां भी किया जा सकता है। मगर सरकार सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रही है। अगर सरकार ने सच्चाई को स्वीकार नहीं किया और तैयारियां नहीं की, तो जब मामला खराब होगा, तो आप जवाब नहीं दे पाओगे।” दरअसल, हाल ही में शरद यादव लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हुए हैं। बता दें, शरद यादव ने पिछले महीने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का आरजेडी में विलय कर दिया था। शरद यादव और अली अनवर ने साल 2018 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाई थी, लेकिन उसे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल पाई। ऐसा हो सकता है कि बिहार व देश के अन्य राज्यों में विपक्षी एकता के सिलसिले में राहुल उनसे मिलने पहुंचे हैं।
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