हरियाणा के ग्रामीण किन मुद्दों पर बीजेपी से हैं खफा?
सोनीपत, सिरसा, हिसार, रोहतक के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बीजेपी का बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं। किसानों का यह फैसला एमएसपी कानून को लागू करने, महिला पहलवानों के मुद्दे, अग्निवीर (Agniveer) और मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रति भाजपा के दृष्टिकोण के खिलाफ किया गया है।
किसान एमएसपी कानून लागू करने की कर रहे मांग
नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का संगठन पिछले कई सालों से आंदोलनरत है। किसानों ने एमएसपी कानून को लागू कराने के लिए 2020-21 में जोरदार आंदोलन चलाया था। केंद्र सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद आंदोलन खत्म हुआ था। वर्ष 2023 के अंत में किसान एक बार फिर से शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हुए थे। उस दरम्यान हरियाणा में 60 से अधिक गांवों में भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। हरियाणा में विभिन्न खापों के अलावा कई गांवों के लोगों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए भाजपा और जेजेपी के मंत्रियों और विधायकों के बहिष्कार का आह्वान किया था। भाजपा और जेजेपी नेताओं को हरियाणा में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था।
MSP गारंटी कानून क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी की अनुशंसा की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज के लिए न्यूनतम लाभकारी मूल्य दिलाना, बाजार में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश के किसानों से बार-बार यह वादा कर रहे हैं कि उनकी सरकार केंद्र में बनती है तो वह एमएसपी गारंटी कानून जरूर लागू करेगी। कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में एमएसपी कानून बनाने की बात की है।
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