एसडीएम के खिलाफ विपक्ष ने की थी कार्रवाई की मांग हाल ही में करनाल उप-विभागीय मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारी किसानों को पीटने और बिना सिर टूटे सुरक्षा घेरा नहीं तोड़ने का निर्देश देते हुए कैमरे में कैद हुए थे। उसके बाद से विपक्षी दलों के नेता एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
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28 अगस्त को हरियाणा में किसानों के विरोध के दौरान कैप्चर की गई एक वीडियो क्लिप में, सिन्हा को पुलिसकर्मियों के एक समूह को निर्देश देते हुए सुना गया था कि उठा उठा के मरना पीछे सबको। हम सुरक्षा घेरा को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे। हमारे पास पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध हैं। हम पिछले दो दिनों से सोए नहीं हैं। लेकिन तुम यहां सो कर आए हो। मेरे पास एक भी बंदा निकल के नहीं आना चाहिए। अगर आए तो उसका सर फूटा हुआ होना चाहिए। सीएम ने किया था एसडीएम का बचाव इस घटना के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सिन्हा के विवादास्पद निर्देशों पर प्रतिक्रिया देते हुए बाद में कहा था कि एसडीएम सिन्हा के शब्दों का चुनाव सही नहीं था, लेकिन कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सख्ती बरती जानी चाहिए।
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मुख्य सचिव ने उपायुक्त से मांगी थी रिपोर्ट वहीं हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने मंगलवार को करनाल के उपायुक्त से जिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर शनिवार के पुलिस लाठीचार्ज पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी। ताजा अपडेट के मुताबिक वर्धन ने करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव से आयुष सिन्हा की टिप्पणी मांगने को कहा था। डिप्टी सीएम ने दिया था एसडीएम के खिलाफ एक्शन का भरोसा इससे पहले हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि सरकार निश्चित रूप से उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। चौटाला ने कहा था कि मैं शनिवार की घटना से आहत हूं। आईएएस अधिकारी का पुलिस को दिया गया आदेश नैतिक मानकों को पूरा नहीं करता है। इसलिए एसडीएम के खिलाफ नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा था कि मुझे लगता है कि वह उस शपथ को पूरा नहीं करते हैं जो एक अधिकारी अपने नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए लेता है।