सीटों पर इस तरह बन रहे समीकरण
फरीदाबाद: फरीदाबाद सीट पर वैश्य वोट ज्यादा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने वैश्य प्रत्याशी ही मैदान में उतारे हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही टक्कर है। फरीदाबाद एनआईटी: पिछले चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। भाजपा ने यहां से पहले चुनाव लड़े नागेंद्र भड़ाना का टिकट काटकर सतीश फागना को मैदान में उतारा है। टिकट कटने से नाराज नागेंद्र भड़ाना इनेलो में शामिल हो गए हैं और इनेलो-बसपा गठबंधन के टिकट पर उम्मीदवार हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
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तिगांव: तिगांव सीट पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर बिगाड़ते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने ललित नागर की जगह युवा नेता रोहित नागर पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। टिकट काटने से बागी हुए ललित नागर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। जिससे की कांग्रेस कार्यकर्ता भी बंट गए हैं। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक राजेश नागर पर ही भरोसा जताया है।
बल्लभगढ़: बल्लभगढ़ सीट पर बीजेपी ने 2014 और 2019 में जीते मूलचंद शर्मा पर ही भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक शारदा राठौर का टिकट काटकर पराग शर्मा को टिकट दिया है। टिकट कटने से नाराज शारदा राठौर निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं।
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बड़खल : विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धनेश अदलखा को अपना प्रत्याशी बनाया है। धनेश अदलखा के पास दो बार पार्षद का अनुभव है, लेकिन गंभीर आरोप के कारण मतदाताओं में नाराजगी भी है। मुकाबला कांग्रेस के विजय प्रताप सिंह और भाजपा के धनेश अदलखा के बीच ही दिखाई दे रहा है। भाजपा में सीमा त्रिखा का टिकट कटने को लेकर भी नाराजगी है। जिससे भाजपा को नुकसान हो सकता है।
पृथला: पूरी तरह से ग्रामीण अंचल की पृथला सीट पर इस बार काफी रोचक मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा ने 2014 में बसपा से विधायक रहे टेकचंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने फिर से रघुवीर तेवतिया को टिकट दिया है। निर्दलीय नयनपाल रावत दोनों दलों के समीकरण प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे में यहां मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है।