इसरो के पूर्व निदेशक
1. चांद पर बने स्पेस स्टेशन : भारत की अगुवाई में वैश्विक सहयोग से चंद्रमा पर स्पेस स्टेशन बने। मेंटेनेंस का खर्च कम होगा, चांद पर शोध आसान होगा।
2. बेहतर हो मौसम का मॉडल : वैश्विक स्तर पर मौसम मॉडल को अपडेट करने की आवश्यकता है ताकि मौसम के पूर्वानुमान और बेहतर हो सकें।
3. एआई पर नियंत्रण : एआइ को नजरअंदाज नहीं कर सकते, इसके फायदे भी हैं, लेकिन इसपर कुछ नीतियां बननी चाहिए और नियंत्रण रखना चाहिए।
4. कृषि का आधुनिकीकरण: कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम उठाया जाना चाहिए ताकि युवा भी इस ओर आकर्षित हों।
वेंकैया नायडू
पूर्व उपराष्ट्रपति
1. पहले प्रकृति संरक्षण : प्रकृति के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, विकास की अवधारणा पर पुनर्विचार करें, उपभोक्तावादी जीवन शैली को बदलें।
2. संस्कृति का संरक्षण: हमारी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित, समृद्ध और प्रचारित करने के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है।
3. सोशल मीडिया: सामाजिक सद्भाव तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए सोशल मीडिया के इस्तेमाल में समझदारी बरतना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
4. एक साथ चुनाव : आम चुनाव में 75त्न तक मतदान हो, जिससे लोकतंत्र और अधिक समावेशी बन सके। एक साथ चुनाव को लेकर सहमति बने।
अंजू बॉबी जॉर्ज
पूर्व एशियन गेम्स चैंपियन (लॉन्ग जंप)
1. पदकों से भरे झोली : भारत ने 2021 टोक्यो ओलंपिक में सर्वाधिक 7 पदक जीते थे। पेरिस ओलंपिक 2024 में हम 10 ज्यादा पदक जीतें।
2. बस्ते का बोझ घटे: पढ़ाई का पैटर्न बदलना चाहिए, जिससे बच्चों के बस्ते का बोझ कम हो सके। इसको लेकर हुई केंद्र की घोषणा मूर्तरूप ले।
3. महिला अपराध रुकें : महिलाओं के खिलाफ अपराधों की प्रभावी ढंग से रोकथाम होनी चाहिए। हर जगह महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बने।
4. स्वास्थ्य सुविधाएं : देश के हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाओं का आसानी से लाभ मिलना चाहिए। स्वास्थ पर सरकार को ज्यादा काम करना चाहिए।
अर्जन कुमार सीकरी
(सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश)
1. सुलभ और शीघ्र न्याय : न्याय प्रणाली में ढांचागत सुधार हो। वकील बेवजह तारीख नहीं लें और ज्यादा पेशेवर तरीके से काम करें।
2. अधिकारों के प्रति सजग : विधिक सेवा प्राधिकरण व पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स जन अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के और प्रयास करें।
3. जनहित याचिका का दुरुपयोग रुके : जनहित याचिका अच्छा माध्यम है, लेकिन इसका दुरुपयोग रोका जाए। अदालतें भी इन्हें गंभीरता से लें।
4. विधिक सहायता : विधिक सहायता सिस्टम को और आसान बनाया जाए। विधिक अधिकारों के बारे में पाठ्यक्रम अनिवार्य किया जाए।
ओम प्रकाश रावत
(पूर्व चुनाव आयुक्त)
1. शासन पर निर्भरता कम हो : जनता की शासन पर निर्भरता कम की जाए, ताकि वह लाचार न रहे। समयसीमा में काम नहीं होने पर कार्रवाई की जाए।
2. चुनाव में सक्रिय भागीदारी : आम वोटर को चुनाव की ताकत समझाई जाए, ताकि वह ताकतवर बन सके। सी विजिल ऐप जैसे प्लेटफॉर्म बनें।
3. ऐप से निपटाएं समस्याएं : मोबाइल ऐप के जरिए जन समस्याओं के निराकरण को बाध्यकारी बनाया जाए। समयसीमा का जरूर ध्यान रखें।
4. शासन-प्रशासन सुनें : ऐसा माहौल तैयार किया जाए, जिससे प्रशासन व शासन को लगे कि जनता ने ट्रिगर दबाया है तो समाधान करना ही होगा।
जनरल वेद मलिक (सेवानिवृत्त)
1. मिलकर काम करें सेनाएं : सीमाई खतरों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को मिलकर कार्य करना होगा। थिएटर बनाने की प्रकिया तेजी से करनी होगी।
2. समुद्री रक्षा मजबूत हो : इस क्षेत्र में भारत का दबदबा है। फिर भी पड़ोसी हरकतों को देखते हुए अरब सागर और हिंद महासागर में ताकत बढऩी पड़ेगी।
3. आतंकियों पर नजर : कश्मीर घाटी की स्थिति ठीक है, लेकिन पीर पंजाल रेंज में फिर से आतंकी सिर उठा रहे हैं। हमें अलर्ट रहना होगा।
4. पूर्वोत्तर में रहें सतर्क : पूर्वोत्तर में सतर्क रहना होगा। म्यामांर की स्थिति बड़ी समस्या बनी हुई है। अर्धसैनिक बल, सेना के साथ मिलकर काम करें।
उदय कोटक
(कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर और पूर्व एमडी हैं)
1. पूंजी बाजार का रुख : भारत बचतकर्ताओं से निवेशकों का देश बन रहा है। उद्योगों को कर्ज के लिए बैंकों के बदले पूंजी बाजार का रुख करना चाहिए।
2. मार्केट बबल से बचें: बाजार में आने वाले बुलबुले से मजबूत आर्थिक नीतियों और रेगुलेशन, शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से बचना चाहिए।
3 . डबल टैक्सेशन से मुक्ति: लाभांश के डबल टैक्सेशन पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
4. बैंलेंस टैक्स रिजीम: हमें रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स और रेगुलेटर रिजीम से बचना चाहिए। हमें डवलपमेंटल और रेगुलेटरी रोल को बैलेंस करने की आवश्यकता है।
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अरुणा राय
सामाजिक कार्यकर्ता
1- जवाबदेही कानून लाया जाए और लोकपाल व लोकायुक्त व्यवस्था को प्रभावी बनाएं
2-हर क्षेत्र में सामाजिक अंकेक्षण कराएं व न्यायिक जवाबदेही तय हो
3- हर वंचित को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाए और न्यूनतम मजदूरी 600 रुपए प्रति दिन करें
-4 अभिव्यक्ति व वाक स्वातंत्र्य व शांतिपूर्ण आंदोलन के अधिकार को प्रभावी बनाएं