सीमेंट और आटे को भी हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत?
न्यायमूर्ति एजी मसीह ने कहा कि जहां तक हलाल मीट आदि का सवाल है, किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती। यहां तक कि इस्तेमाल किए जाने वाले सीमेंट, सरिया (लोहे की छड़ें) और पानी की बोतलों को भी हलाल प्रमाणित किया जाना चाहिए। एसजी ने कहा कि यहां तक कि आटा और बेसन तक को भी हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। आखिरकार बेसन व आटा हलाल या गैर हलाल कैसे हो सकता है? हलाल सर्टिफिकेट के लिए एजेंसियां मोटी रकम वसूल रही हैं और इस प्रक्रिया में रकम कुछ लाख करोड़ तक है।Delhi Elections: इस बार किसकी होगी शालीमार बाग सीट? जानिए AAP-BJP और Congress की रणनीति
ऊंची कीमत वाली वस्तुएं खरीदने के लिए मजबूर
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमआर शमशाद ने कहा कि केंद्र की नीति में हलाल को विस्तृत रूप से परिभाषित किया गया है, यह केवल मांसाहारी भोजन के बारे में नहीं है। मेहता ने यह भी कहा कि हलाल प्रमाणन के कारण कीमतें बढ़ रही हैं। कोर्ट को इस सवाल पर विचार करना होगा कि जो लोग हलाल को नहीं मानते, उन्हें ऊंची कीमत वाली वस्तुएं खरीदने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को जारी किया था नोटिस
5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा महाराष्ट्र द्वारा दायर याचिकाओं पर राज्य को नोटिस जारी किया। इसमें खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन, यूपी द्वारा जारी अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। इसमें राज्य के भीतर हलाल प्रमाणन वाले खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया था।Hindi News / National News / Halal Certification: सीमेंट और आटे को भी हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत? यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पूछा सवाल