शाम तक किसी ने नहीं देखा
गुजरात पुलिस के अनुसार, बच्चे अंदर थे, तभी कार लॉक हो गई। शाम तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस कारण दम घुटने से बच्चों की मौत हो गई। कभी भी बच्चों को कार में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। यह बहुत ही घातक हो सकता है। यदि कार को कहीं पार्क करना है तो बच्चों को अपने साथ ले जाना चाहिए। कभी-कभी छोटे बच्चे कार में बैठे-बैठे चाबियों से खेलते हैं, ऐसे में कार लॉक हो सकती है। इसलिए बच्चों को कभी भी कार की चाबी नहीं देनी चाहिए।बच्चों को कार में लॉक होने से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां और आवश्यक कदम इस प्रकार हैं:
– कार को ठंडा रखने के लिए पानी डालें: अगर बच्चा कार में लॉक हो गया है, तो कार के शीशे और बॉडी पर पानी डालें। ऐसा करने से कार के अंदर का तापमान थोड़ा कम हो सकता है, जिससे बच्चे को राहत मिलेगी। – शीघ्रता से खिड़की तोड़ने का निर्णय लें: अगर बच्चा 5-10 मिनट से अधिक समय से कार में फंसा है और दरवाजा खोलने का कोई उपाय नहीं है, तो तुरंत खिड़की तोड़ने पर विचार करें। गर्मियों में बाहर का तापमान 40 डिग्री होने पर कार के अंदर का तापमान 70 डिग्री तक पहुंच सकता है, जो बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।
– सावधानी से शीशा तोड़ें: शीशा तोड़ते समय सीधे बच्चे के पास के शीशे को तोड़ने से बचें। जिस दिशा में बच्चा नहीं बैठा है, उस दिशा का शीशा तोड़ना सुरक्षित होता है। इस दौरान शीशा धीरे-धीरे तोड़ें ताकि टुकड़े कार के अंदर फैलने से बच्चे को नुकसान न पहुंचे।
– बच्चे को तुरंत ठंडे वातावरण में न ले जाएं: कार के अंदर से निकालने के बाद बच्चे को सीधे ठंडे माहौल में न ले जाएं और ठंडा पानी भी तुरंत न पिलाएं। उसे सामान्य तापमान पर आने के लिए थोड़ा समय दें, ताकि उसके शरीर का तापमान धीरे-धीरे संतुलित हो सके।
– आपातकालीन सेवाओं को सूचित करें: बच्चे को निकालने की कोशिश करते समय पुलिस और एंबुलेंस को कॉल करें। इससे बच्चे को बाहर निकालने के बाद तुरंत चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी और किसी भी इमरजेंसी में त्वरित सहायता उपलब्ध हो सकेगी।
ये उपाय बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अपनाए जा सकते हैं और इमरजेंसी में उनकी जान बचाने में सहायक हो सकते हैं।