लोकसभा के साथ ही विधानसभा की 175 सीटों के लिए भी होगा मतदान
देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन में केन्द्र की सत्ता में काबिज होने के लिए संघर्ष हो रहा है, लेकिन आंध्रप्रदेश का सियासी माहौल अन्य प्रदेशों से जुदा नजर आया। वह इसलिए कि यहां लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा की 175 सीटों के लिए भी मतदान होगा। चुनावी यात्रा के दौरान सियासी मिजाज जानने में मैं विजयवाड़ा के माचवरम क्षेत्र में हूंं। यहां जलेबी की दुकान पर कई लोग खड़े हुए हैं। इनसे बातचीत शुरू की तो किसी ने लोकसभा चुनाव में रुचि नहीं ली। आंध्रप्रदेश में लोगों की रुचि लोकसभा से ज्यादा राज्य के विधानसभा चुनावों में है। हिंदीभाषी गोवर्धन से जब पूछा कौन भारी है तो वे बोले, यहां सभी भारी लग रहे हैं। विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज नेता, फिल्म स्टार भाग्य आजमा रहे हैं।मुख्यमंत्री, पूर्व सीएम के अलावा 6 पूर्व सीएम के बेटे भी चुनावी मैदान में
यहां मौजूदा मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे भी चुनावी मैदान में हैं। टीडीपी, भाजपा और जनसेना गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। गठबंधन की चालों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ‘मेमंता सिद्धम’ (हम तैयार हैं) नारे के साथ आक्रामक प्रचार कर रहे हैं। मुख्य मुकाबला वाइएसआरसीपी और टीडीपी के बीच दिख रहा है। इस चुनाव में विरासत की जंग, बदले की राजनीति, लोक लुभावन योजनाओं और जातीय समीकरणों के बीच जगन मोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू में कड़ी टक्कर है। वाइएसआरसीपी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती यहां से मेंगो मार्केट पहुंचा तो वहां मिले बालामुरली ने कहा, वाइएस जगन मोहन रेड्डी से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस ने राज्य में पार्टी के नेतृत्व की कमान उनकी बहन वाइएस शर्मिला को दे रखी है।शराब नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसे मुद्दे
टीडीपी राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी को शराब नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसे मुद्दों पर घेरती रही है। राज्य में सत्तारूढ़ वाइएसआरसीपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी। पिछले विधानसभा 2019 में में वाइएसआरसीपी को 151 सीटें मिली थी। जबकि टीडीपी को मात्र 23 सीटें मिली थी। इस बार वाइएसआर कांग्रेस पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बार पासा पलट जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। विधानसभा चुनाव में टीडीपी 144 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जनसेना 21 सीटों पर और भाजपा 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। तीनों दलों वाइएससीआरपी को सत्ता से बाहर करने के लिए ताकत झोंक रहे हैं।किसान और व्यवसायी वर्ग में नाराजगी
अमरावती में मिले सियोन ने कहा, अमरावती में राजधानी बनाने काम ठप करना वाइएससीआरपी को भारी पड़ेगा। गुंटूर में मिले फनीमद्र ने कहा, इस बार टीडीपी का जोर ज्यादा है। जनता सरकार बदलना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ लेने वाले मतदाता इस बार भी बदलाव के मूड में नहीं है। किसान और व्यवसायी वर्ग में नाराजगी है। कडपा में देवेन्द्रनाथ ने कहा, उनके जिले की विधानसभा सीटों पर तो वाइएससीआरपी का ही माहौल है। मुख्यमंत्री इसी जिले से आते हैं, तो कौन नहीं चाहेगा कि सत्ता बदले।ये दिग्गज भी मैदान में
मुख्यमंत्री वाइएस. जगन मोहन रेड्डी, टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू, जनसेना नेता पवन कल्याण, टीडीपी महासचिव नारा लोकेश, अभिनेता और टीडीपी नेता एन. बालकृष्ण विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं। टीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू चित्तूर जिले के कुप्पम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि राष्ट्रीय दल भाजपा एवं कांग्रेस दक्षिण के दिग्गजों की बेटियों आगे करके सियासी जमीन तलाश रहे हैं। भाजपा एनटी रामाराव की बेटी डी पुरंदेश्वरी और कांग्रेस वाइएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला की अगुवाई में ताल ठोक रही हैं। ये दोनों भी लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे बहा रहे पसीना
यहां के मौजूदा मुख्यमंत्री वाइएस जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाइएस राजशेखर रेड्डी के बेटे हैं। वह पुलिवेंदुला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को टीडीपी ने मंगलागिरी से टिकट दिया है। टॉलीवुड अभिनेता और हिंदुपुर प्रत्याशी एन. बालाकृष्णा भी पूर्व मुख्यमंत्री एनटीआर के बेटे हैं। आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन जनार्दन रेड्डी के बेटे एन. रामकुमार रेड्डी वाइएसआरसीपी के टिकट पर वेंकटगिरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के विजय भास्कर रेड्डी के बेटे सूर्य प्रकाश रेड्डी को टीडीपी ने धोन सीट से टिकट दिया है। पूर्व सीएम एन. भास्कर राव के बेटे और जनसेना नेता एन मनोहर तेनाली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यह भी पढ़ें
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