गोपालगंज: भाजपा-जदयू की लड़ाई मांझी ने रोमांचक बनाई
गोपालगंज को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रतिष्ठा की सीट बनाए हुए हैं। नीतीश के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह सहित अनेक भाजपा नेता चुनावी दौरा कर चुके हैं। तेजस्वी ने भी यहां पर वीआइपी पार्टी के समर्थन में चुनावी सभाएं की हैं। यहां एनडीए गठबंधन में जदयू से अलोक कुमार सुमन और इंडिया गठबंधन की ओर से विकासशील इंसान पार्टी के प्रेमनाथ चंचल उर्फ चंचल पासवान आमने-सामने हैं। सुमन को पिछली बार के मुकाबले इस बार ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। सुमन को इस संभावना से राहत है कि एआइएमआइएम प्रत्याशी दीनानाथ मांझी के कारण मुस्लिम वोट कटेंगे। यह लालूप्रसाद की जन्मभूमि और ससुराल भी है। अभिनेता पंकज त्रिपाठी भी गोपालगंज से ही हैं। जदयू के सुमन दूसरी बार मैदान में हैं और पिछली बार 55.4 प्रतिशत मत लेकर जीते थे। गोपालगंज में बस अड्डे पर जमा युवकों में से मंसूर आलम कहते हैं कि विकास हुआ है पर बेरोजगारी व महंगाई त्रस्त किए हुए हैं। संजय त्रिपाठी कहते हैं कि पूरे क्षेत्र में घूम लें, आपको पता लग जाएगा कि माहौल मोदी के पक्ष में है। गोपालगंज में बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे और हथुआ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यहां भाजपा, राजद और जदयू के पास दो-दो सीटें हैं। 18.39 लाख मतदाता हैं। यह ब्राह्मण बहुल इलाका है। अतिपिछड़ा, यादव, मुसलमान, महादलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ही वैश्य भी काफी संख्या में हैं।