जेनरेशन बीटा उस पीढ़ी को कहा गया है, जो इंटरनेट से जुड़ी तमाम सुविधाओं के बीच पैदा हुई और जिनके लिए हर सुविधा महज एक क्लिक की दूरी पर है। होम डिलीवरी, टीवी, इंटरनेट समेत तमाम सुविधाएं बच्चे एक क्लिक पर हासिल कर सकते हैं। इससे पहले 2013 से 2024 तक पैदा हुए बच्चों को ‘जेनरेशन अल्फा’ कहा गया। इस पीढ़ी को जन्म के साथ हाइस्पीड इंटरनेट की सुविधा मिली। वर्ष 1995 से 2012 तक पैदा बच्चे जेनरेशन जेड कहलाए थे। यह पीढ़ी वैश्विक कनेक्टिविटी के साथ बड़ी हुई।
ऑस्ट्रेलिया के मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा नाम
जेनरेशन बीटा नाम ऑस्ट्रेलिया के समाज विज्ञानी मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा है। उनके मुताबिक 2025 से 2039 तक का दौर तकनीक के लिहाज से अहम होगा। वर्ष 1965 से 1979 तक पैदा बच्चों को जेनरेशन एक्स कहा गया था। इस पीढ़ी के दौर में ही इंटरनेट की शुरुआत हुई। फिर 1981 से 1996 तक जेनरेशन वाई थी। इस पीढ़ी के लोगों ने तकनीक के साथ खुद को बदला और हर चीज से अपडेट होते रहे। यह भी पढें-
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समाज विज्ञानियों का मानना है कि आम तौर पर एक पीढ़ी 15 से 20 साल की अवधि की होती है। पीढ़ी का नामकरण उस दौर की सांस्कृतिक, आर्थिक और तकनीकी घटनाओं के आधार पर होता है। मसलन 1901 से 1924 के दौरीन पैदा हुई पीढ़ी को ग्रेटेस्ट जेनरेशन कहा गया था, क्योंकि उसने महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जीवनयापन किया। इस पीढ़ी को पारंपरिक मूल्यों के लिए जाना गया।
क्या है ‘जेन बीटा’
मार्क मैक्रिंडल द्वारा गढ़ा गया ‘जेन बीटा’ (Gen Beta) शब्द एक नई पीढ़ी को परिभाषित करता है, जो 1 जनवरी 2025 से लेकर 2039 के बीच पैदा होने वाले बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह पीढ़ी अपनी स्मार्टनेस, तकनीकी समझ, और आधुनिक दृष्टिकोण के लिए जानी जाएगी। ये बच्चे एक ऐसी दुनिया में जन्म लेंगे जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसी तकनीकें पहले से मौजूद होंगी। तकनीक इनकी दिनचर्या और शिक्षा का मुख्य आधार होगी।