उत्तर प्रदेश की झांकी में वनवास से लौटने पर अयोध्या के लोगों द्वारा भगवान राम और देवी सीता का स्वागत करते हुए दिखाया जाएगा, जिसमें अयोध्या दीपोत्सव विषय के केंद्र में है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि “झांकी के साइड पैनल अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी को दर्शाते हैं और एक बड़ा ‘दीपोत्सव द्वार’ बनाया गया है। इसमें महा ऋषि वशिष्ठ की मूर्ति भी है।”
हरियाणा की झांकी में महाभारत युद्ध के दृश्यों को साइड पैनल पर दिखाया जाएगा। इस झांकी में भगवान कृष्ण को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें उपदेश देते हुए दिखाया जाएगा है। झांकी के आगे वाले भाग में भगवान कृष्ण को उनके ‘विराट स्वरूप’ रूप में बनाया गया है, जैसा कि उन्हें अर्जुन के सामने दिखाया गया है।
झारखंड और जम्मू और कश्मीर दोनों राज्यों की झाकियों में धार्मिक स्थलों को दिखाया जाएगा, जबकि पश्चिम बंगाल की झांकी में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत दुर्गा पूजा उत्सव को दिखाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार झांकी में पूजा के दौरान बनाए गए एक पारंपरिक पंडाल का आभास होता है और यह टेराकोटा से प्रेरित डिजाइन को प्रदर्शित करता है।
झारखंड की झांकी में प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर – भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक को दिखाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस झांकी में ‘बोल बम’लिखा हुआ भगवा वस्त्र पहने ‘कांवरियों’ को दिखाया जाएगा। देवघर में प्राचीन मंदिर की प्रतीकात्मक संरचनाएं झांकी में मुख्य रूप से दिखाई जाएंगी।
गुजरात की झांकी में राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया जाएगा। इसके सामने कच्छी पोशाक पहने एक लड़की को दिखाया जाएगा, जिसके एक हाथ में ‘सूर्य’ और दूसरे हाथ में ‘कागज का पहिया’होगा। जो सौर और पवन ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करेगा है। भारत का पहला चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से चलने वाले गांव मोढेरा को भी झांकी में दिखाया जाएगा, जो सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस झांकी के साथ रंग-बिरंगी ‘गरबा’ की पोशाक पहने कलाकार भी दिखाई देंगे।
लद्दाख अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों को झांकी में दिखाएगा। झांकी के पिछले हिस्से में कारगिल में 7वीं शताब्दी की गांधार कला आधारित रॉक-कट बुद्ध की मूर्तियां होगी। कारगिल में चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियां दुनिया में अपनी तरह की केवल तीन मूर्तियां हैं।
राज्यों व केंद्र शासिस प्रदेशों के अलावा मंत्रालय की 6 झांकियां भी परेड का हिस्सा होंगी। संस्कृति मंत्रालय ने अपनी झांकी में देवी दुर्गा को दिखाने के लिए चुना गया है। वहीं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इस साल पहली बार एक झांकी प्रदर्शित करेगा, जिसमें ड्रग्स को ना कहने का एक सार्वभौमिक संदेश होगा। इसके साथ ही बीटिंग द रिट्रीट समारोह के दौरान एए ड्रोन शो और प्रोजेक्शन मैपिंग भी होगा, जिसे 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट समारोह में ‘भारत में सबसे बड़ा ड्रोन शो के रूप में जाना जाता है।