क्या बोले मनीष वर्मा
मनीष वर्मा ने सदस्यता पर्ची मिलने के बाद कहा कि वह वैसे ही महसूस कर रहे हैं जैसा उन्होंने आईएएस के लिए क्वालीफाई करते समय किया था। वर्मा ने संजय झा और अन्य जेडीयू शीर्ष नेताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने दावा किया कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में गलत जानकारी दी गई है और बताया कि वह नालंदा के निवासी हैं और उन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है।
संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद है खाली
उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने के बाद से संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद खाली है, और मनीष वर्मा को इस पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। फिलहाल, मनीष वर्मा मंगलवार को जेडीयू में शामिल हो गए हैं।
कौन हैं मनीष वर्मा ?
मनीष वर्मा नीतीश कुमार के सलाहकार रहे हैं। नालंदा जिले से आने वाले मनीष वर्मा कुर्मी हैं। मनीष वर्मा लोकसभा चुनाव 2024 में सक्रिय थे। मनीष जेडीयू के एकलौते ऐसे नेता थे जो हर उम्मीदवारों के क्षेत्र में गए और वहां जाकर रणनीति बनाई। मनीष ने हर क्षेत्र में जाकर बात की और अपना समीकरण तैयार किया। मनीष वर्मा चुनाव बाद भी घूम रहे हैं। इन्हीं सब वजहों से इनको मजबूत दावेदार और नीतीश कुमार के उतराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है। मनीष IAS अधिकारी रह चुके हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने बिहार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था। मनीष अभी संगठन में किसी पद पर नहीं हैं । अब संगठन के जरिए पार्टी की कमान सौंपे जाने की गुंजाइश है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश उन्हें संगठन महासचिव बनाकर पार्टी का कामकाज सौंप सकते हैं। इसी तरह आरसीपी सिंह को भी पहले उन्होंने संगठन महासचिव बनाया था बाद में अध्यक्ष।