किशन राव से बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन में उनके साथ काम करने वाले एक सर्कल इंस्पेक्टर गट्टू मल्लू के साथ कई घंटों तक पूछताछ की गई। तेलंगाना में पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के दौरान विपक्षी नेताओं और व्यापारियों के फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार होने वाले पूर्व डीसीपी चौथे पुलिस अधिकारी हैं। हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान किशन राव को चुनाव आयोग ने उनके पद से हटा दिया था।
फोन टैपिंग का मामला डीएसपी, एसआईबी डी. प्रणीत राव की गिरफ्तारी से सामने आया। सबूत नष्ट करने के आरोप में उन्हें 13 मार्च को निलंबित कर दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। विधानसभा चुनाव में बीआरएस की हार के बाद उन्होंने कथित तौर पर 50 हार्ड को नष्ट कर डेटा मिटा दिया था। एसआईटी द्वारा प्रणीत राव से पूछताछ के दौरान मामले में कथित रूप से शामिल अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए।
प्रणीत राव से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) प्रमुख प्रभाकर राव सहित अन्य अधिकारियों के परिसरों की तलाशी ली, जो कथित तौर पर फ़ोन टैपिंग के पूरे ऑपरेशन को देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के करीबी माने जाने वाले प्रभाकर राव ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद एसआईबी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।