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Petrol Diesel Price: भूल जाइए सस्ते पेट्रोल-डीजल की बात, इस वजह से मोदी सरकार नहीं घटाएगी दाम!

Petrol-Diesel Price: गोल्डमैन शैक्स के ऑयल रिसर्च सेक्शन के प्रमुख डैन स्ट्रूवेन ने बताया कि इस साल कच्चे तेल के दाम 155 से 160 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं।

Jan 07, 2024 / 10:58 am

Prashant Tiwari

 Forget about cheaper petrol and diesel know why Modi government will not reduce the prices

 

कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि जल्द ही केंद्र की मोदी सरकार नए साल के मौके पर पेट्रोल-डीजल के दामों में 6 से 10 रुपए की कटौती कर सकती है। इसके लिए सरकार और तेल कंपनियों में सहमति भी बन गई है। लेकिन साल का पहला हफ्ता बीतने के बाद भी अब तक दाम कम नहीं हो पाया है। इसके पीछे बड़ी जानकारी सामने आई है। वहीं, जानकारों के मुताबिक लोकसभा चुनाव पास होने के बाद भी सरकार अब ईंधन के दामों में कटौती नहीं करेगी। वहीं, सरकार को भी समझ नहीं आ रहा कि आगे किया क्या जाए?

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एक चेतावनी और सरकार ने बदल दिया फैसला

बता दें कि अमेरिकी टेलीविजन स्टेशन सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में गोल्डमैन शैक्स के ऑयल रिसर्च सेक्शन के प्रमुख डैन स्ट्रूवेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि होर्मुज स्ट्रेट तक पहुंचने वाले हूती विद्रोहियों की वजह से कच्चे तेल की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं। स्ट्रूवेन ने बताया कि लाल सागर एक ट्रांजिट रूट है। यहां लंबे समय तक व्यवधान के कारण कच्चे तेल की कीमत में तीन या चार डॉलर का इजाफा हो सकता है।

अगर होर्मुज स्ट्रेट एक महीने तक बंद रहता है तो तेल की कीमतें 20 फीसदी बढ़ जाएंगी और अगर वहां परेशानी लंबे समय तक रही तो कीमतें दोगुनी भी हो सकती है। इसका मतलब है कि कच्चे तेल के दाम 155 से 160 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं।

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हूतियों को मिल रहा ईरान का समर्थन

बता दें कि डैन स्ट्रूवेन की चेतावनी ने भारत सरकार को परेशान करके रख दिया है इसमें कहा गया है कि साल 2024 में कच्चे तेल के दाम डबल हो सकते हैं। यह परिस्थिति लाल सागर की लहरों से आ रही संकट की वजह से हैं। जहां पर हूती आतंकी ग्रुप का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। हूतियों को ईरान का लगातार समर्थन मिल रहा है।

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हमलों को रोकना होगा- डेविड कैमरन

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री और अब विदेश सचिव डेविड कैमरन ने स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हूती विद्रोहियों के हमलों को रोकना काफी जरूरी हो गया है। यह सिर्फ ब्रिटिश हित नहीं है, यह वैश्विक है। ये हमले अवैध हैं। उन्हें रोकना होगा और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पिछले दो महीने के दौरान विद्रोहियों ने मिसाइलों, ड्रोन, नौकाओं और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके 20 से अधिक बार लाल सागर में कमर्शियल शिपिंग पर हमला किया है।

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भारत की अर्थव्यवस्था को लगेगा गहरा धक्का

बता दें कि अगर गोल्डमैन की भविष्यवाणी सच होती है तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका काफी गहरा असर देखने को मिल सकता है। मार्च 2022 में जिस से कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा देखने को मिला था। एक बार फिर से दाम बढ़ सकते हैं। उस समय कच्चे तेल की कीमत करीब 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी।

इस बार अनुमान मौजूदा लेवल से डबल यानी 155 डॉलर से 160 डॉलर पहुंचने का लगाया जा रहा है। इसका मतलब है कि देश के सभी इलाकों में पेट्रोल और डीजल के दाम नए लेवल पर पहुंच जाएगा। जिससे देश में महंगाई में इजाफा होगा और लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह से महंगाई बढना केंद्क की मोदी सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ा सकती है।

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मौजूदा समय में 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है कच्चे तेल की कीमत

मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है। इसका प्रमुख कारण डिमांड में कमी है। खाड़ी देशों में कच्चे तेल के दाम 78.76 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 73.81 डॉलर प्रति बैरल है। इन दोनों में 26 दिसंबर के बाद से 5 से 7 फीसदी प्रति बैरल का इजाफा देखने को मिल चुका है। आने वाले दिनों में इसमें और भी ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है।

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